मानव रहित रेलवे गेट को पार करते समय बरतें सावधानी

Be careful while crossing unmanned railway gate
मानव रहित रेलवे गेट को पार करते समय बरतें सावधानी
अकोला मानव रहित रेलवे गेट को पार करते समय बरतें सावधानी

डिजिटल डेस्क, अकोला | मानव रहित रेलवे गेट को पार करते समय वाहन चालक अनदेखी करते हैं जिससे हादसे की संभावना बनी रहती है। कुरूम के पास हुए हादसे में एक वृध्द की जान चली गई जबकि चार लोग इस हादसे में बाल बाल बच गए। रेलवे गेट को पार करते समय सावधानी बरतें यदि आदेश का उल्लंघन करते हुए सम्बन्धित पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मूर्तिजापुर तहसील के अंतर्गत आने  कुरूम के पास रेलवे पटरियां पार करते समय 60 वर्षीय वृध्दा गीतांजलि एक्सप्रेस की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई थी। रेलवे कर्मचारी की सजगता के चलते चार लोगों की जान बच गई थी। इस हादसे के बाद रेलवे विभाग में हड़कम्प मच गया था। मध्य रेलवे की ओर से एक विज्ञप्ति जारी की गई। जिसमें कहा गया कि मानव रहित फाटक को पार करते समय कुछ सावधानियां बरते ताकि दुर्घटनाओं की घटना से बचा जा सके। वहीं मोटर वाहन मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 131 के अनुसार मानव रहित फाटक को पार करने के पूर्व रूकना अनिवार्य है। भारतीय रेल अधिनियम 1989 के धारा 161 के अनुसार  मानव रहितर फाटक को बिना रुके पार करना दंडनीय अपराध है यदि सम्बन्धित पकड़ा जाता है तथा वह न्यायालय में साबित होने पर दोषी को एक वर्ष का कारावास हो सकता है। मानव रहित गेट पर वाहन चालक स्टाप बोर्ड से पहले रूक कर दोनों देखकर इस बात की तस्दीद करें कि कोई ट्रेन तो नहीं आ रही है। पूरी तरह आश्वस्त होने पर समपार फाटक पार करें।  जिस स्थान पर फाटक लगाए गए है वहां पर वाहन को फाटक बूम के पास सटकर न रुके। वाहन गेट के रास्ते के बाई ओर ही रोके। ताकि गेट का बूम खुलने पर सामने से आने वाले वाहनों को रास्ता मिल सके। गेट का बूम बंद होने के बाद बूम के नीचे से वाहन न ले जाए, क्योंकि ट्रेन किसी भी सयम वहां से गुजर सकती है। विद्युतीकृत रेल लाइन फाटक पार करने वाले वाहन की ऊंचाई 4.5 मी. से ज्यादा न हो इस बात की पुष्टि होने के बाद ही फाटक पार करें। अन्यथा बिजली के 25 हजार बोल्ट के कारण वाहन की हानि हो सकती है। रेलवे फाटक की ओर आते समय गतिरोधक आने से पहले वाहन की गति धीमी कीजिए। अन्यथा आप दुर्घटना के शिकार हो सकते है। भारतीय रेल अधिनियम 1989 धारा 160 (1) के अंतर्गत नियम पालन न करने पर वाहन चालक को तीन वर्ष एवं धारा 160 (2) के अंतर्गत उपरोक्त नियम पालन न करने पर वाहन चालक को पांच वर्ष का कारावास हो सकता है।

Created On :   16 Jun 2022 6:06 PM IST

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