अक्षय तृतीय के मुहूर्त पर बालविवाह न हो, इसे लेकर सतर्क रहें

Be careful not to have child marriage on Akshaya Tritiya Muhurta
अक्षय तृतीय के मुहूर्त पर बालविवाह न हो, इसे लेकर सतर्क रहें
महिला व बालविकास विभाग की अपील अक्षय तृतीय के मुहूर्त पर बालविवाह न हो, इसे लेकर सतर्क रहें

डिजिटल डेस्क, वाशिम। भारतीय संस्कृति में विवाह समाज की महत्वपूर्ण और सार्वत्रिक सामाजिक क्रिया है । अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त पर सामुदायिक तथा एकल विवाह समारोह आयोजित किए जाते है जिनमें बालविवाह बड़े पैमाने पर होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता । इस कारण अक्षय तृतीया के मुहूर्त पर होनेवाले विवाह में बालविवाह रोकने को लेकर केंद्र तथा राज्य शासन की ओर से आवश्यक प्रतिबंधात्मक उपाययोजना की जाती है । बालविवाह प्रतिबंधक कानून 2006 संपूर्ण राज्य में लागू किया गया है जिसके अनुसार बालविवाह आयोजित करना गैरज़मानती अपराध हे । बालविवाह प्रथा बाल अधिकार विरोधी होने से ऐसे विवाह गैरकानूनी साबित होते है । इसके विरोध में अपराध दर्ज करना अपेक्षित है । ऐसे अपराध पर 1 लाख रुपए जुर्माना और दो वर्ष सश्रम कारावास की सज़ा है । इस कानून पर अमल के लिए आवश्यक प्रतिबंधात्मक उपाययोजना करने हेतु ग्रामीण क्षेत्र के लिए ग्रामसेवक तथा शहरी क्षेत्र के लिए बाल विकास प्रकल्प अधिकारी को बालविवाह प्रतिबंधक अधिकारी के रुप में नियुक्त किया गया है । ग्रामस्तर पर ग्राम बाल सुरक्षा समिति स्थापित की गई है और इस समिति के अध्यक्ष सरपंच तथा सदस्य सचिव आंगनवाड़ी सेविका है । प्रत्येक व्यक्ति को सुजाण नागरिक के रुप में अपने गांव अथवा कार्यक्षेत्र में बालविवाह ना हो, इस हेतु उचित सतर्कता बरतनी चाहिए । बालविवाह को लेकर पूर्वकल्पना होने पर जिला बाल सुरक्षा कक्ष वाशिम के क्रमांक 9970410050 अथवा चाईल्ड लाईन के टोल फ्री क्रमांक 1098 या पुलिस हेल्पलाईन 112 पर जानकारी देने का आव्हान जिला महिला व बालविकास अधिकारी आलोक अग्रहरी ने किया है ।

Created On :   2 May 2022 5:16 PM IST

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