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बरगी डायवर्सन परियोजना, एक बार फिर फंसी टनल बोरिंग मशीन
डिजिटल डेस्क, सतना। नर्मदाघाटी विकास प्राधिकरण (एनवीडी) की बरगी दायीं तट व्यपवर्तन परियोजना के अंतर्गत स्लीमनाबाद से खिरहनी के बीच 12 किलोमीटर पर निर्माणाधीन टनल के डाउन स्ट्रीम पर लगी टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) एक बार फिर से खराब हो गई है। खराब मशीन तकरीबन 30 दिन से जमीन के अंदर फंसी हुई है। भूमिगत टीबीएम के सुधार कार्य के लिए ठेका कंपनी ने एनवीडी के अधिकारियों से 70 दिन की मोहलत मांगी थी। अब महज 40 दिन शेष बचे हैं।
एनवीडीए के ईई महेन्द्र ढिमोल ने भी माना कि भूगर्भीय वजहों से सुरंग बनाने के काम में दिक्कतें आ रही हैं।
मगर, खर्च हो गए 330 करोड़
स्लीमनाबाद से खिरहनी के बीच 12 किलोमीटर लंबी सुरंग के निर्माण की शुरुआती लागत 799 करोड़ रुपए रखी गई थी। वर्ष 2008 में प्रभावी किए गए इस प्रोजेक्ट की टाइम लिमिट वर्ष 2011 रखी गई थी,मगर कार्य अवधि की पूर्णता के बाद यानि वर्ष 2011 में 2 टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) काम पर लगाई गईं। एक और एक्सटेंशन के साथ वर्ष 2018 तक कार्य की पूर्णता का नए सिरे से लक्ष्य रखा गया। हाल ही में खराब हुई एक और टनल बोरिंग मशीन अभी तक जमीन के अंदर महज 2500 मीटर उत्खनन ही कर पाई है। जबकि स्लीमनाबाद की अप स्ट्रीम पर कुल 1800 मीटर का उत्खनन हुआ है। ये दीगर बात है कि अब तक टनल पर तकरीबन 330 करोड़ की भारी भरकम रकम खर्च की जा चुकी है।
लागत बढ़ी 111 करोड़
समय पर काम पूरा नहीं होने के कारण अकेले टनल की निर्माण लागत में 111 करोड़ का इजाफा हुआ है। इतना ही नहीं कार्य की समयावधि एक बार फिर से बढ़ाकर मार्च 2021 रख दी गई है। माना जा रहा है कि अगर नई टाइम लिमिट के हिसाब से सुरंग निर्माण का लक्ष्य पूरा करना है तो हर माह टनल की 300 मीटर खुदाई करनी होगी।
विशेषज्ञों के दल ने किया निरीक्षण
भूगर्भीय दिक्कतों और ओपन कैनाल के निर्माण में संभावनाओं की तलाश के लिए हाल ही में यहां पहुंची जियोलॉजिकल विभाग की एक ने स्थल निरीक्षण किया। इस संबंध में ये टीम नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण को आवश्यक सुझाव देगी। उधर, जमीन के अंदर फंसी मशीन को बाहर निकालने के लिए साइड से उत्खनन कार्य प्रारंभ किया गया है।
Created On :   29 Jun 2019 1:27 PM IST