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बांधवगढ़ : महिला गाइड के साथ जाएगा पर्यटकों का पहला वाहन
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डिजिटल डेस्क,उमरिया। तीन महीने बारिश के बाद बांधवगढ़ में कोर जोन के भीतर पर्यटन कल शनिवार से प्रारंभ हो रहा है। तीनों गेट के लिए ऑनलाइन टिकट पहले ही फुल हो चुकी हैं। घूमने के लिए लोगों को हफ्तेभर बाद मौमा मिल पाएगा। नए सीजन में पहली बार महिला गाइड को सफारी का मौका मिलेगा। ताला व मगधी में नए शावक पर्यटकों को रोमांचित करेंगे। बता दें कि हर साल बारिश के सीजन में बांधवगढ़ कोर तीन माह तक बंद रहता है। एक अक्टूबर से नया सत्र प्रारंभ होता है। इस बार अगस्त 25 से नए सीजन के लिए ऑनलाइन बुकिंग चालू हो गई थी। 29 सितंबर की स्थिति में सभी टिकट फुल हैं।
महिला गाइड को पहली इंट्री
नए सीजन में पहली बार गाइड की संख्या में इजाफा भी किया गया है। प्रशिक्षण हासिल करने के बाद 50 नए दल शामिल किए गए हैं। खासकर यह है कि इनमे 25 महिला गाइड हैं। 12 दिनों के हाल ही में वाइल्ड लाइफ प्रशिक्षण पूर्ण कराया गया। बांधवगढ़ में प्रवेश करने वाले पहले वाहन की गाइड यही नए प्रशिक्षु रहेंगे। ये गाइड विस्थापित गांव, वन व राजस्व ग्राम निवासी हैं।
159 हुए गाइड, 207 थी वाहनों की क्षमता
बांधवगढ़ में वाइल्ड लाइफ का कारोबार करोड़ों रुपए में है। कोर व बफर जोन मिलाकर वन्यजीव के दीदार के लिए 207 वाहनों की अनुमति पिछले सत्र में थी। कोर में 147 व बफर में 60 वाहन जाते थे। वहीं 109 गाइड पंजीकृत थे। 50 नई भर्ती होने से अब इनकी संख्या 159 हो चुकी है। ये सभी जी-2 श्रेणी के हैं। इनका भुगतान 480 रुपए प्रति सफारी है। हालांकि अभी भी पर्यटन निमयों के मुताबिक इनकी संख्या कम से कम 300 होनी चाहिए।
शावक रहेंगे आकर्षण का केन्द्र
बारिश के महीने में हर साल पार्क बंद हो जाता है। क्योंकि यह समय वन्यजीवों के सहवास का रहता है। साथ ही जंगल के भीतर मार्ग भी खराब हो जाते हैं। छुट्टियों में पार्क प्रबंधन इन्हीं मार्गों को दुरुस्त करवाता है। हालांकि पिछले कुछ दिनों से बारिश के चलते मार्ग प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही थी। फिर भी पार्क प्रबधंन एहतियातन अपनी तैयारी पूरी बता रहा है।
माना जा रहा है तीन महीने में सफारी के दौरान में ताला, खितौली, धमोखर, राजबहरा, मचमचा सहित अन्य बाघिनों के शावक अपनी अटखेलियों से लोगों को आकर्षित करेंगे। टाईगर रिजर्व में एफएमडी बीमारी को रोकने के लिए विशेष एहतियात भी बरते जा रहे हैं। गेट इन्ट्री के साथ ही वाहनों की धुलाई के लिए सौंसर में पानी भरा गया है। ताकि पोटेशियम परमैगनेट से पहिया साफ होकर जंगल में जाए। साथ ही खितौली रेंज में जंगली हाथियों के मूवमेंट को लेकर खासी सावधानी बरती जा रही है।
Created On :   30 Sept 2022 4:09 PM IST