पर्यटकों को रिझाएंगे बैगा उत्पाद, बैगा हाट में वनवासियों को मिलेगा रोगजार के साथ बाजार

Baiga products will be given to tourists, forest dwellers will get market with Rogjar in Baiga Haat
पर्यटकों को रिझाएंगे बैगा उत्पाद, बैगा हाट में वनवासियों को मिलेगा रोगजार के साथ बाजार
पर्यटकों को रिझाएंगे बैगा उत्पाद, बैगा हाट में वनवासियों को मिलेगा रोगजार के साथ बाजार

 

डिजिटल डेस्क बालाघाट।  देश में विशेष पिछड़ी जनजाति के रूप में पहचाने जाने वाले बैगा आदिवासियों की संस्कृति और उनके पारंम्परिक उत्पाद अब वैश्विक स्तर पर पहचान पाएंगे, इसके लिए कलेक्टर दीपक आर्य और टूरिज्म़ प्रोमोशन कांउसिल ने मिलकर एक खास मार्केट तैयार किया हैं, जिसे नाम दिया गया है बैगा हाट का। यह बाजार विश्व विख्यात कान्हा नेशनल पार्क के मुक्की गेट के समीप बनकर तैयार हैं जहां बैगाओं के पारंपरिक उत्पाद और उनकी संस्कृती से जुड़ी चीजो को देश दुनियां में पहचान देने के लिये इसे तैयार किया गया है। इस बैगा हाट की खास बात यह रहेगी की इसमें रोजगार भी पूरी तरह से स्थानीय वनवासियों को ही दिया जाएंगा।
जहां बैगा उत्पाद रिझाएंगे पर्यटकों को
बैगा हाट को प्रशासन ने पूरी तरी से बैगा कल्चर से जोड़ कर तैयार किया हंै। जिसमें बनी दुकानो को झोपड़ी की शक्ल दी गई हंै ताकि यहां आने वाले पर्यटक सिर्फ बैगाओं के बने उत्पादो को ही ना खरीद पाये बल्कि वे उनकी संस्कृति को भी करीब से जान पाये। इस हाट के साथ ही प्रशासन ने यहां एक देशी ओपन थियेटर भी बनाया हंै, जिसमें लोग बैगाओं के पारंपरिक नृत्य को भी देख पाएंगे। इतना ही नही इस हाट के साथ एक वनवासी रेस्टोरेंट भी होगा। जिसमें आने वाले पर्यटको को पारंपरिक बैगा व्यंजन सर्व किये जाने की योजना है।
विभागो की निगरानी में आदिवासी बेच पाएंगे ये उत्पाद
प्रशासन ने इस बैगा हाट के लिये जो योजना बनाई हंै उसके तहत वन विभाग, रेशम विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को इस हाट की देखरेख के लिये एजेंसी बनाया जाना है। जिनके द्वारा संचालित होने वाली दुकानो में पूरी तरह से इस क्षेत्र के वनवासियों को रोजगार दिया जाएगा। यहां आने वाले पर्यटको को बांस के फर्नीचर, बैगाओं के पारंपरिक आभूषण और वाद्य यंत्र से लेकर हाथ के बने औजार और कोदो कुटकी जैसी बैगाओं की उपज भी खरीदने के अवसर मिलेगे।
इनका कहना है...
कान्हा के मुक्की गेट के समीप टूरिज्म प्रमोशन कांउसिंल की देखरेख में बैगा हाट बन कर तैयार है जहां 28 दुकानो में बैगा और आदिवासियों के पारंपरिक उत्पादो को बाजार की शक्ल देकर उनका विक्रय और प्रदर्शन किया जाएंगा। उनकी संस्कृति और उनके पारंपरिक जीवन शैली को यहां आने वाले देशी विदेशी सैलानी करीब से जान पाएं एवं यहां के आदिवासियों को रोजगार मिले। इसके लिये यह एक कोशिश है।
दीपक आर्य, कलेक्टर बालाघाट

Created On :   1 Nov 2020 6:57 PM IST

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