ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर नहीं हो पाए साकार, जानिए - क्या है कारण

Automatic testing center could not materialize, know what is the reason
ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर नहीं हो पाए साकार, जानिए - क्या है कारण
नागपुर ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर नहीं हो पाए साकार, जानिए - क्या है कारण

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गाड़ियों की फिटनेस जांच प्रक्रिया में होने वाली मानवी भूल व भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए 1 अप्रैल से देशभर में ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर बनाए जाने वाले थे। जिसके बाद फिटनेस प्रमाणपत्र में पारदर्शिता की उम्मीद थी। लेकिन यह योजना को साकार करने में सरकार असमर्थ साबित हुई। अभी तक ऐसा टेस्टिंग सेंटर शुरू ही नहीं हुआ है। संबंधित अधिकारियों का मानें तो इस योजना को साकार करने के लिए और थोड़ा समय लगेगा, यानी अक्टूबर में इसे साकार किया जाएगा। आरटीओ में वाहनों के लिए विभिन्न तरह के काम किए जाते हैं। जिसमें लाइसेंस बनाने से लेकर गाड़ियों के दस्तावेज  आदि शामिल हैं। काम में  पारदर्शिता लाने के लिए कई व्यवस्थाएं ऑनलाइन कर दी गईं। जिसमें लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया, शासकीय शुल्क भरना आदि शामिल है। लेकिन अभी-भी वाहनों को फिटनेस प्रमाणपत्र देने के लिए भ्रष्टाचार होता है। अधिकारी व कर्मचारियों के माध्यम से होने वाला यह भ्रष्टाचार रोकने के लिए 5 अप्रैल 2022 को केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना निकाली थी, जिसमें राज्य में 23 ऑटोमेटिक फिटनेस टेस्टिंग सिस्टम खोलने की बात कही गई थी। लेकिन अभी भी बहुत से केंद्र का काम अधूरा ही है। जिसमें नागपुर शहर आरटीओ व पूर्व आरटीओ के लिए बनाए जाने वाले टेस्टिंग सेंटर भी शामिल हैं। लेकिन इसे साकार करना जरूरी है। जिसके चलते 1 अक्टूबर 2023 से शुरू करने का लक्ष्य सामने रखा गया है। जिसके साकार होने के बाद मालढुलाई करने वाले वाहन, यात्री वाहनों की ऑटोमेटिक सेंटर में ही फिटनेस जांच होगी। जिसके चलते कई भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारियों को वाहनधारकों को लूटने का मौका नहीं मिलेगा। 

अवधि बढ़ाई गई है

हर्षल डाके, एआरटीओ नागपुर कार्यालय के मुताबिक देशभर में ऑटोमेटिक टेस्टिंग सिस्टम बनेंग, लेकिन 1 अप्रैल तक इनका काम पूरा नहीं हो पाया। 1 अक्टूबर यानी अगले 6 महीने की अवधि बढ़ाई गई है, जिसके बाद इसके साकार होने की उम्मीद की जा सकती है।

Created On :   24 April 2023 7:28 PM IST

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