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टेली वेरिफिकेशन वाला SMS कर सकता है आपका खाता खाली, गिरोह का फांडाफोड़
डिजिटल डेस्क, मुंबई। एक साथ सैकड़ों लोगों को एसएमएस भेजकर टेली वेरिफिकेशन के नाम पर उनके मोबाइल में स्पाइवेयर डाउनलोड कराने के बाद बैंक से जुड़ी जानकारी हासिल कर उन्हें चूना लगाने वाले एक इंजीनियर और उसके तीन साथियों को मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है। आरोपी झारखंड और पश्चिम बंगाल के नक्सल प्रभावित इलाकों में बैठकर लोगों को चूना लगा रहे थे। आरोपियों तक पहुंचने के लिए साइबर पुलिस के करीब एक सप्ताह तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
मामले में गिरफ्तार आरोपियों के नाम संतोष कुमार मंडल, गणेश उर्फ अर्जुन छेत्री, जितेंद्र मंडल और अशोक कुमार मंडल है। संतोष बीटेक ग्रैजुएट है और उसी की मदद से आरोपी लोगों के मोबाइल से उनके बैंक खाते से जुड़ी जानकारी हासिल करते थे। साइबर सेल के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी एक साथ सैकड़ों मोबाइल नंबरों पर संदेश भेजते थे कि आपका टेलिवेरिफिकेशन बाकी है। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कंपनी के प्रतिनिधि से संपर्क करें।
संदेश में संपर्क के लिए नंबर भी दिए रहते थे। ऐसा न करने पर मोबाइल नंबर 24 घंटे में बंद होने की धमकी संदेश में लिखी होती थी। इसके बाद जो लोग आरोपियों के जाल में फंसकर फोन कर देते थे उन्हें वेरिफिकेश के लिए अपने मोबाइल में केवाईसी क्यूएस एप डाउनलोड करने को कहा जाता था। यह ऐप डाउनलोड करते ही आरोपी संबंधित व्यक्ति के मोबाइल में मौजूद सारी जानकारी हासिल कर लेते थे। फिर आरोपी संबंधित व्यक्ति के बैंक खातों में मौजूद रकम अपने खातों में ट्रांसफर कर लेते थे। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने इस तरीके से एक करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी की बात स्वीकार की है।
आरोपियों के पास से ठगी के लिए इस्तेमाल हुए दो लैपटॉप और नौ मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। इस पूरे मामले की भनक पुलिस को तब लगी जब ठगी के शिकार हुए लोगों ने अपनी मोबाइल कंपनियों को इसकी शिकायत की और फिर मोबाइल कंपनियों ने बीकेसी स्थित साइबर पुलिस स्टेशन में अपने नाम पर हो रही ठगी के खिलाफ शिकायत की। डीसीपी रश्मी करंदीकर के मुताबिक आरोपियों ने देशभर में कितने लोगों को चूना लगाया है इसकी छानबीन की जा रही है।
Created On :   12 Aug 2021 8:02 PM IST