आशा वर्कर्स और गुटप्रवर्तकों ने जि.प. कार्यालय के सामने दिया धरना

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
मोर्चा निकालने की चेतावनी आशा वर्कर्स और गुटप्रवर्तकों ने जि.प. कार्यालय के सामने दिया धरना

डिजिटल डेस्क, भंडारा. आशा व गुट प्रवर्तक कर्मचारी यूनियन(आईटीयू) द्वारा आशा वर्कर और गुट प्रवर्तकों को कर्मचारियों का दर्जा देकर न्यूनतम समान वेतन देने, न्यूनतम 26 हजार रुपए वेतन देने की मुख्य मांग को लेकर सोमवार,12 दिसंबर को स्थानीय जिला परिषद कार्यालय के सामने सैकड़ों की संख्या में आशा वर्कर्स व गुट प्रवर्तक कर्मचारियों ने एक दिवसीय धरना आंदोलन कर शासन-प्रशासन का ध्यानाकर्षण किया। आगामी 19 दिसंबर तक लंबित मांगे पूर्ण नहीं होने पर नागपुर शीतसत्र में विधानमंडल पर विशाल मोर्चा निकाला जाएगा, जिसमें संपूर्ण राज्य से हजारों आशा वर्कर और गुट प्रवर्तक तथा कोविड योध्दा शामिल होंगे, ऐसी जानकारी कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों ने दी है। इस संबंध में यूनियन के एक प्रतिनिधिमंडल की ओर से जिलाधिकारी योगेश कुंभेजकर के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्री के नाम से मांगों का ज्ञापन भेजा गया है। सोमवार को कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष कॉ.राजेंद्र साठे, उपाध्यक्ष प्रीति मेश्राम, जिला महासचिव कॉ.उषा मेश्राम, कोषाध्यक्ष सुनंदा बसेशंकर, गुट प्रवर्तक सोनू सार्वे, मंगला गौरी, महानंदा बसेशंकर, मंदा मस्के आदि के नेतृत्व में किए गए इस एक दिवसीय धरना आंदोलन के दौरान कर्मचारियों ने जोरदार नारे लगाए। आंदोलनकर्ताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार कोई भी आशा वर्कर और गुट प्रवर्तकों उचित मुआवजा नहीं देते है। इसलिए आशा वर्कर और गुट प्रवर्तकों को कर्मचारियों का दर्जा देकर न्यूनतम समान वेतन देने, न्यूनतम 26 हजार वेतन देने, वर्कर व गुट प्रवर्तक के परिवार को नि:शुल्क स्वास्थ्य बीमा लागू करने, दिवाली पर भाईदुज की भेंट के रूप में दस हजार रुपए देने, जेएसवाय के तहत एपीएल / बीपीएल की शर्त रद्द कर मुआवजा देने सहित अन्य मांगे रखी गई है। उक्त मांगे 19 दिसंबर तक सरकार ने मांगे पूर्ण नहीं करने पर शीतसत्र में विधानमंडल पर मोर्चा निकालने की चेतावनी दी है। इस आंदोलन में सैकड़ों की संख्या में आशा वर्कर्स व गुट प्रवर्तक शामिल हुए थे।

विधायक कोरोटे के कार्यालय के सामने आयटक ने किया प्रदर्शन 


उधर गोंदिया में आंगनवाड़ी सेविका, मदतनीस, आशा, गट प्रवर्तक व शालेय पोषण आहार कर्मचारियों ने आयटक के नेतृत्व में लंबित मांगांे को लेकर आमगांव-देवरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक सहषराम काेरोटे के देवरी के कार्यालय पर सोमवार, 12 दिसंबर को धरना आंदोलन किया। जिसके बाद विभिन्न मांगों का ज्ञापन सौंपा गया। इस संदर्भ में संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि आंगनवाड़ी सेविका, आशा सेविका, मदतनीस व शालेय पोषण आहार कर्मचारियाें को अल्प मानधन पर काम कराया जा रहा हंै। कई बार मानधन बढ़ाने की मांग की गई, लेकिन इस ओर अनदेखी की जा रही है। ऐसे में कर्मचारियों की लंबित मांगों की ओर शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए यह आंदोलन किया गया। उन्होंने बताया कि नागपुर में हानेवाले आगामी शीतसत्र में आंगनवाड़ी सेविकाओं को 21 हजार रुपए न्यूनतम वेतन, मदतनीस को 18 हजार रुपए व पेंशन दी जाए। आशा सेविकाओं को 21 हजार रुपए व गट प्रवर्तको को 25 हजार रुपए वेतन के साथ दीपावली उत्सव पर 10 हजार रुपए बोनस व शालेय पोषण कर्मचारी का दर्जा देकर 21 हजार रुपए वेतन दिया जाए, सहित अन्य मांगे उठाए जाने की मांग की गई। इस धरना आंदोलन का नेतृत्व आयटक के राज्य उपाध्यक्ष हौसलाल रहांगडाले, रामचंद्र पाटील, शालुताई कुथे, शेखर कनोजिया, परेश दुरूगवार, पूर्णिमा चुटे, वर्षा पचंभाई, काचंन शहारे, अनिता शिवनकर, पंचशिला शहारे, सविता उरकुडे, गिता मानकर, माया कोरे,   सत्यभामा दोनोडे, प्रमिला बिसेन, गायत्री रहांगडाले, पुस्तकला बहेकार, ज्योति लिल्हारे, शोभा लांजेवार सहित सैकड़ों की संख्या में आशा वर्कर, आंगनवाड़ी सेविकाएं व गुट प्रवर्तक शामिल हुए थे।
 

Created On :   13 Dec 2022 6:36 PM IST

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