भादों के शुरू होते ही झमाझम, खेत-तालाब हुए लबालब, अन्नदाताओं को मिली राहत

As soon as the rains started, the farm ponds were full, the food donors got relief
भादों के शुरू होते ही झमाझम, खेत-तालाब हुए लबालब, अन्नदाताओं को मिली राहत
7 वर्ष में तीसरी बार अगस्त में बारिश का आंकड़ा 700 के पार भादों के शुरू होते ही झमाझम, खेत-तालाब हुए लबालब, अन्नदाताओं को मिली राहत

डिजिटल डेस्क,कटनी। बंगाल की खाड़ी और उत्तर भारत में बने बारिश के सिस्टम से पानी की कमी पूरी हो गई। जिस तरह से अभी सिस्टम एक्टिव है उसे देखते हुए यही कहा जा सकता है कि इस बार सितम्बर में ही 1124 औसत बारिश के करीब यह आंकड़ा पहुंच जाएगा। मौसम विभाग ने भी संभावना जताई है कि सितम्बर में भी अच्छी बारिश होगी। 3-4 बारिश में ही औसत का कोटा फुल हो जाएगा। पिछले वर्ष मानसून सीजन में 786.6 मिलीमीटर औसत बारिश हुई थी। इस बार अगस्त के अंतिम दिनों में ही यह आंकड़ा 700 के पार कर गया है। अभी दो दिन का समय और बचा हुआ है।

बीते सात साल में यह तीसरी सबसे अधिक बारिश है।

दो बार ही 400 एमएम हुई थी बारिश वर्ष 2016-17 से लेकर चालू मानसून सीजन तक सात वर्ष के अंतराल में दो बार ही अगस्त में बारिश का आंकड़ा 400 के पार पहुंचा था। 2018-19 में 407.5 और 2020-21 में 431.4 मिमी बारिश हुई थी। जबकि 2016-17 में 207, 2017-18 में 161.4, 2019-20 में 342, और 2021-22 में 139.8 मिमी बारिश हुई थी। इस सात वर्षों में महज 2016 और 2017 में ही जुलाई में बारिश का आंकड़ा 500 के पार पहुंचा था। इस हिसाब से अगस्त में ही बारिश की उम्मीद रही। 15 अगस्त के बाद इंद्रदेव पूरी तरह से मेहरबान दिखाई दिए। झमाझम बारिश से नदी-नाले उफना गए तो खरीफ फसलों में भी रौनक लौट आई।
सात वर्षों में हुई बारिश
क्र.      वर्ष           अगस्त   औसत बारिश
1.     2016-17    207.4      1364
2.     2017-18    161.4      966.4
3.     2018-19    407.5     1061.4
4.     2019-20    342        1265.4
5.     2020-21    431         922.2
6.     2021-22    139        786.6
7.     2022-23    400        --

खरीफ के साथ रबी पर भी असर

बारिश होने से इसका असर खरीफ और रबी फसलों पर भी दिखाई देगा। जुलाई तक सिंचाई विभाग ने 2000 हेक्टेयर में सिंचाई का रकबा रखा था। वहीं बारिश होने के बाद रिवाईज करते हुए सिंचाई का रकबा बढ़ाया जा रहा है। रबी सीजन की भी तैयारी शुरू कर दी गई है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यदि इसी तरह से बारिश होती रही तो रबी सीजन में 33 प्रतिशत क्षेत्रफल में सिंचाई का रकबा रखा जाएगा।

सितम्बर में भी मेहरबान रहेंगे बदरा

कृषि विज्ञान केंद्र मौसम वैज्ञानिक डॉ.संदीप चंद्रवंशी ने बताया कि 10 अगस्त तक भले ही सूखे के आसार बने थे, लेकिन पहले बंगाल की खाड़ी का सिस्टम एक्टिव हुआ। जिससे जिले में भरपूर बारिश हुई। अभी उत्तर भारत का सिस्टम एक्टिव है। इससे आगामी एक-दो दिनों में इसी तरह से बारिश हो सकती है। सितम्बर में जरूर कुछ दिनों की बारिश से राहत मिलेगी, लेकिन सितम्बर में 3 से 4 बार फिर से तेज बारिश होने की संभावना है।

Created On :   30 Aug 2022 1:36 PM IST

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