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महात्मा गांधी और उनके विचार से प्रेरित है मध्यस्थता- जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अफसर जावेद खान 02 अक्टूबर को महात्मा गांधी जयंती का आयोजन
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डिजिटल डेस्क, बैतूल। जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अफसर जावेद खान ने कहा है कि महात्मा गांधी स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख राजनैतिक तथा आध्यात्मिक नेता थे। उन्होंने सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह से हिंसा और अत्याचार प्रतिकर किया। गांधीजी विशुद्ध राजनीतिक विचारक न होकर व्यवहारिक पुरूष थे। वे वर्तमान भारत के राष्ट्र निर्माता थे और भारतवासी उन्हें राष्ट्रपिता या बापू के नाम से याद करते हैं। गांधीजी का मानना था कि मनुष्य की सम्पूर्ण राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक समस्याएं अपने मूल रूप में नैतिक समस्याएं और इनका निराकरण तभी हो सकता है, जब मनुष्य पवित्र आचरण और हृदय की शुद्धता पर बल दें। वर्तमान में न्यायिक प्रक्रिया में मध्यस्थता के माध्यम से विवादों का निराकरण गांधीजी की इसी विचारधारा पर आधारित है। मध्यस्थता प्रक्रिया में विवादों का निराकरण करने हेतु एक मध्यस्थ नियुक्त किया जाता है। मध्यस्थ कोई भी हो सकता है, चाहे वह न्यायिक अधिकारी हो या प्रशिक्षित अधिवक्ता या कोई अन्य समाजसेवी, जिसे विधिवत् प्रक्रिया के अनुसार मध्यस्थता का प्रशिक्षण दिया गया हो। मध्यस्थ का कार्य विवादों के दोनों पक्षकारों के बीच उत्पन्न विवाद का निराकरण आपसी राजीनामे के आधार पर करना होता है। मध्यस्थ एक निष्पक्ष व्यक्ति होता है और उसके द्वारा विवादों के पक्षकारों के बीच बैठक का आयोजन कर मामले का निराकरण राजीखुशी से कराया जाता है। इसका लाभ यह होता है कि पक्षकारों की हार या जीत नहीं होती, दोनों पक्षकार अपने आपको जीता हुआ मानते हैं और उनके बीच मनमुटाव समाप्त हो जाता है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री खान ने कहा है कि गांधी जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी के विचारों का स्मरण करते हुए वे उनको श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हैं।
Created On :   2 Oct 2020 2:26 PM IST