ट्रांसपोर्टर को लाभ दिलाने मिलिंग के लिए धान उठाव में हो रही मनमानी
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डिजिटल डेस्क,शहडोल। धान उपार्जन के बाद अब मिलिंग के कार्य में मनमानी सामने आ रही है। मिलिंग के लिए धान उठाव गोदामों से कराया जा रहा है, जबकि नियमानुसार खरीदी केेंद्रों से उठाव कराया जाना चाहिए। सूत्रों की मानें तो यह सब खेल ट्रांसपोर्टर को लाभ दिलाने के लिए किया जा रहा है। यदि मिलर खरीदी केंद्र से उठाव कर लेंगे तो परिवहन का खर्च बचाया जा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। जानकारों के अनुसार कई मिलरों को उठाव के लिए आरओ तक काटा जा चुका है।
परिवहन पूर्ण होने के बाद ही गोदाम से उठाव का नियम
धान उपार्जन का कार्य 16 जनवरी से बंद हो चुका है। लेकिन उपार्जन नीति तब तक प्रभावी रहती है जब तक खरीदी केंद्रों से पूरा परिवहन होकर गोदामों में जमा नहीं हो जाता। यदि गोदाम आधारित और कैप स्तर की खरीदी है, यदि जमा होने का स्वीकृति पत्रक जारी हो जाता है तो वर्तमान में मिलिंग के लिए उठाव वहां से नहीं होना है। परिवहन पूरा होने तक खरीदी केंद्रों मेें जो धान बची है उसी का उठाव मिलरों से कराया जाना है।
झींक बिजुरी में सैकड़ों क्विंटल धान की शॉर्टेज
उपार्जन केंद्र झींकबिजुरी में फर्जी खरीदी का मामला सामने आया है। खरीदी बंद हो जाने के बाद इस केंद्र में 263 क्विंटल से अधिक धान रिकार्ड में कम पाई गई है। हालांकि स्टॉक में इससे कहीं अधिक धान कम होने की बात कही जा रही है। अधिकारियों के अनुसार इस केंद्र में 35659 क्विंटल धान की खरीदी हुई थी, लेकिन जांच के दौरान 35396 क्विंटल धान पाई गई है।
लक्ष्य से अधिक हुई धान की खरीदी
खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 अंतर्गत समर्थन मूल्य पर जिले में 51 केन्द्र में समर्थन मूल्य 2040 रुपये प्रति क्विंटल पर 24258 किसानों द्वारा इस वर्ष 1645394 क्विंटल बेची गई है। जबकि गत वर्ष 14 लाख क्विंटल धान की खरीदी की गई थी। अब तक 16808 किसानों को लगभग 217 करोड़ की राशि खाते में जेआईटी के माध्यम से भुगतान किया जा चुका है। शेष राशि का भुगतान प्रक्रियाधीन है।
इनका कहना है
नजदीकी केंद्रों से ही मिलिंग के लिए धान का उठाव कराया जा रहा है। गड़बड़ी जैसी बात नहीं है। झींक बिजुरी में स्टॉक में अंतर आया है, जिसकी जांच की जा रही है।
एसपी गुप्ता, प्रबंधक नान
Created On :   19 Jan 2023 7:39 PM IST