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दुखी मन से अन्ना ने कहा -लतादीदी जैसा कोई नहीं, जहन में आता है गीत तो छलक जाती है आंखे
डिजिटल डेस्क, अहमदनगर। महान गायिका लता मंगेशकर के निधन से हर तरफ गम का माहौल है। आने माने समाज सेवक अन्ना हजारे ने कहा कि लतादीदी का जाना भारत का सबसे बड़ा गौरव खोने जैसा है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि ऐसी गायका का दोबारा जन्म होगा। उनकी आवाज में जो मन को छू लेने वाली कशिश थी, वो दुर्लभ है। वे भारत की सभी भाषाओं की एकमात्र गायिका थीं। उनके गाने, मंत्रोच्चार और देशभक्ति गीत आम आदमी के लिए खुशी और प्रेरणा के स्रोत थे। जब खेतों में काम करने वाले किसान मजदूर थक जाते थे, तो रेडियो बजने वाले पर लता के गीत नई उर्जा भरते थे।
अन्ना ने बताया मुझे लतादीदी से कई बार मिलने का मौका मिला। लताजी को पद्म श्री और पद्म भूषण पुरस्कार भी मिले, लेकिन मुझे याद है "जीवनगौरव" अवार्ड उनके जीवन का सबसे बड़ा खुशी का पल था।
लताजी का एक गीत "ए मेरे वतन के लोगो, जरा आंख में भर लो पानी" मेरे जहन में बार बार आ रहा है। इस गाने को सुनते ही तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी अपनी भावुकता छिपा नहीं पाए थे, उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े थे। वहां दर्शकों भी आंखें भी छलक उठी थी। आज भी जब यह गीत सुनता हूं आंखें नम हो जाती हैं।
ये गीत एब एक धरोहर बन चुका है। देशभक्ति मशहूर गीत कवि प्रदीप ने लिखा था। सी.रामचंद्रा ने इसे सजाया और लता मंगेशकर ने अपनी आवाज़ से इसे घर-घर पहुंचा दिया। इस गीत में 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान मारे गए सैनिकों को याद किया गया है।इसे पहली बार 27 जनवरी 1963 को नेशनल स्टेडियम नई दिल्ली में गया था। उस दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन सहित तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू मौजूद थे। लताजी आज भले नहीं हैं, लेकिन अपनी आवाज और गीतों के माध्यम से वे सदियों करोड़ों देशवासियों के दिलों में रहेंगी।
गीत की चंद लाइनें
ऐ मेरे वतन के लोगों
ज़रा आंख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुर्बानी
कोई सिख कोई जाट मराठा
कोई गुरखा कोई मदरासी
सरहद पर मरनेवाला
हर वीर था भारतवासी
केंद्र सरकार ने 6 और 7 फरवरी को राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। 92 वर्षीय लता जी का निधन रविवार सुबह ब्रीचकैंडी अस्पताल में हुआ। लता जी के जाने से बॉलीवुड गमगीन है
Created On :   6 Feb 2022 1:54 PM IST