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मनपा में पिछड़ा वर्ग कल्याण की राशि अन्य योजनाओं पर कर रहे खर्च
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा दुर्बल घटक समिति की निधि पिछड़ा वर्ग कल्याण पर खर्च करने के बजाय अन्यत्र कामों पर खर्च करने का खुलासा हुआ है। इसकी वजह से पिछड़ा वर्ग कल्याण को बड़ा झटका लगा है। जिन पर इस निधि की रखवाली की जिम्मेदारी है, वे ही निधि के समायोजन पर चुप्पी साधे हैं। मनपा प्रशासन और सत्तापक्ष की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं। सरकार ने मनपा बजट की 5 प्रतिशत निधि अनुसूचित जाति-जनजाति, विमुक्त जाति भटके जमाति और पिछड़ा वर्ग दुर्बल घटक की कल्याणकारी योजना के लिए खर्च की कानूनी पाबंदी की है। पिछड़ा वर्ग बस्ती सुधार योजना से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित प्रभाग अथवा जिन बस्तियों में अनुसूचित जाति-नवबौद्धों (विशेष घटक) की जनसंख्या 50 प्रतिशत से ज्यादा है, वहां नागरी सुविधा उपलब्ध कराने के काम किए जा सकते हैं, किन्तु इन प्रावधानों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। जिन योजनाओं पर यह निधि खर्च की जा रही है, उसके लिए सरकार से अलग से राशि आवंटित हो रही है।
इस तरह दिखाया जा रहा ठेंगा
वर्ष 2010-11 में मनपा बजट में पिछड़ा वर्ग बस्तियों में बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 21 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। इसमें से 40 लाख रुपए टैंकर द्वारा जलापूर्ति और 10 लाख सूतिका गृह के लिए खर्च की गई। गलिच्छ बस्ती सुधार अंतर्गत अतिरिक्त सुविधा के लिए 3 करोड़ और नागपुर इन्हारमेंट सर्विसेस अंतर्गत अनुदान के लिए 1 करोड़ का प्रावधान किया गया।
वर्ष 2015-16 बजट में पिछड़ा वर्ग के लिए 66 करोड़ 25 लाख की विशेष निधि का प्रावधान था। उस समय इस निधि से झोपड़पट्टी पुनर्वसन कार्यालय के वेतन खर्च के लिए 60 लाख और कार्यालय के संकीर्ण व्यय के लिए 10 लाख रुपए हस्तांतरित किए गए। केंद्र सरकार के जवाहरलाल नागरी पुनरुत्थान अभियान अंतर्गत बीएसयूपी घरकुल योजना के लिए 3.50 करोड़ का प्रावधान इस आरक्षित निधि से किया गया। पांचपावली सूतिका गृह की मशीनरी खरीदी के लिए 25 लाख खर्च किए गए।
वर्ष 2017-18 और 2018-19 के मनपा बजट में भी पिछड़ा वर्ग कल्याण निधि से इसी तरह की राशि अन्यत्र हस्तांतरित की गई। झोपड़पट्टी पुनर्वसन कार्यालय वेतन खर्च के लिए 60 लाख और कार्यालय खर्च के लिए 10 लाख रुपए निकाले गए। बीएसयूपी घरकुल योजना में महानगरपालिका का अंशदान इसी निधि से दो साल तक दिया गया।
वर्ष 2021-22 के नए बजट में पिछड़ा वर्ग कल्याण के लिए 35 करोड़ 69 लाख का प्रावधान किया गया है। इसी निधि से झोपड़पट्टी पुनर्वसन कार्यालय के वेतन खर्च के लिए 40 लाख और कार्यालय खर्च के लिए 9 लाख का प्रावधान किया गया है। इस कार्यालय के लिए महानगरपालिका का अंशदान पिछड़ा वर्ग निधि से हस्तांतरित किया गया।
खुलेआम कानून की उड़ाई जा रहीं धज्जियां
अनिल वासनिक, संयोजक, शहर विकास मंच कहा कहना है कि पिछड़ा वर्ग और दुर्बल घटक के लिए खर्च की जाने वाली निधि मनपा अन्य विषयों पर खर्च कर रही है। झोपड़पट्टी पुनर्वसन कार्यालय वेतन खर्च, बीएसयूपी घरकुल योजना में मनपा का सहभाग के रूप में अंशदान, जलापूर्ति पर खर्च सहित अन्य कामों के लिए पिछड़ा वर्ग निधि से प्रावधान कर पिछड़ा वर्ग कल्याकारी योजना को ठेंगा दिखाया जा रहा है। यह कानूनन और नैतिक दोनों तरह से गलत है।
Created On :   10 Sept 2021 3:03 PM IST