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आंबेडकर का दावा - सिल्वर ओक पर हमला पूर्व नियोजित
डिजिटल डेस्क, अकोला। राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर अनुचित घटना हो सकती है। इस आशय का पत्र 4 अप्रैल को अर्थात घटना के 4 दिन पूर्व सह पुलिस आयुक्त को दी गई थी। इसकी एक प्रति मुंबई पुलिस आयुक्त कार्यालय को भी दी गई थी। जिसमें कहा गया था कि सिल्वर ओक ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री का मातोश्री बंगला, वर्षा शासकीय आवास, आजाद मैदान, मंत्रालय, सह्याद्री अतिथि गृह एवं परिवहन मंत्री परब के शासकीय आवास पर कर्मचारी आंदोलन कर सकते हैं। ऐसी अग्रीम जानकारी संबंधित विभाग को होने के बावजूद सिल्वर ओक समेत सभी स्थानों पर पुलिस बंदोबस्त क्यों नहीं बढ़ाया गया? ऐसा सवाल वंचित बहुजन आघाड़ी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एड.प्रकाश आंबेडकर ने स्थानीय शासकीय विश्राम गृह में आयोजित पत्रकार परिषद में किया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिदिन प्रदेश के पुलिस प्रमुख मुख्यमंत्री को सुबह शाम गुप्त रिपोर्ट देते है, इसलिए इस घटना की रिपोर्ट उन्होंने मुख्यमंत्री को दी थी या नहीं इसका खुलासा मुख्यमंत्री करें।
विश्वास नागरे को निलंबित करें
अकोला के शासकीय विश्रामगृह में आयोजित पत्र परिषद में एड.आंबेडकर ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री को हमले की सूचना मिलने के बाद उन्होंने क्या आदेश दिए यह जनता के सामने आना चाहिए। क्योंकि वर्तमान समय में राकां, सेना विधायकों में तनातनी दिखाई दे रही है। इसलिए राकां में कोई अंतर्गत कलह है या गुप्तचर विभाग रिपोर्ट को दबा रहा है। एेसी आशंका भी उन्होेंने जताई। साथ ही यह मांग की कि सह पुलिस आयुक्त विश्वास नागरे पाटिल को यदि 4 अप्रैल को गोपनीय रुपोर्ट मिली तो उन्होंने कार्रवाई क्यों नहीं की? राज्य सरकार ने घटना के दोषी को ही जांच की जिम्मेदारी कैसे सौंपी? ऐसा सवाल एड.आंबेडकर ने उठाया तथा कहा कि उन्हें जांच समिति प्रमुख पद से तत्काल हटाया जाए, उनकी जांच की जाए तथा उन्हें तुरन्त निलंबित किया जाए।
Created On :   14 April 2022 5:29 PM IST