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आंबेडकर ने कहा - मेरी आवाज दबाने के तेलतुंबडे को फंसाया
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वंचित बहुजन आघाडी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि एल्गार परिषद से जिनका दूर-दूर तक संबंध नहीं था, उन 9 लोगों को माओवादी कहकर मामले में आतंकवाद निरोधी कानून (यूएपीए) के तहत बेवजह घसीटा गया है। ऐसा ही एक नाम डॉ आनंद तेलतुंबडे का है जिन्हें इस मनगढंत मामले में फंसाने का प्रयास किया जा रहा है। एड आंबेडकर ने डॉ तेलतुबंडे की जान को खतरा बताते हुए कहा कि प्रशासन इस मामले में मुझे फंसा नहीं सकी और मेरी आवाज दबाने के लिए इसमें डॉ तेलतुंबडे का नाम जोड़ा जा रहा है।
यहां महाराष्ट्र सदन में संवाददाताओं से बातचीत में एड आंबेडकर ने कहा कि वर्तमान आरएसएस समर्थित सरकार का विरोध करने वालों में प्रमुखता से मेरा नाम भी शामिल है, लेकिन मुझे इसमें फंसाना संभव नहीं होने कारण डॉ तेलतुंबडे को इसमें फंसाया जा रहा है। डॉ तेलतुबंडे का पूरा जीवन पब्लिक सेक्टर में गया है, लेकिन पिछली सरकार को तब वे नक्सली नही दिखे। अब किसी तरह की जांच किए बगैर उन्हे गिरफ्तार करने की बात कहीं जा रही है। इससे यह साफ है कि सरकार की पूरी मशीनरी एक ही काम जुट गई है कि डॉ तेलतुंबडे को गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने यह भी बताया कि तेलतुंबडे समेत छह और को मामलें में घसीटा जा रहा है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीते 14 फरवरी को एल्गार परिषद केस की सुनवाई करते हुए आनंद तेलतुंबडे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। हालांकि कोर्ट ने गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्हें चार हफ्ते की आंतरिक राहत दी है ताकि वे ऊपरी कोर्ट में अर्जी लगा सकें। इसके मद्देनजर एड आंबेडकर ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि यूएपीए के तहत जो भी केसेस उनके समक्ष आएगी उसके दस्तावेजों में प्रमाणिक मूल्यों की जांच करें। किसी भी व्यक्ति कि स्वंतत्रता अनिश्चितकाल के लिए निलंबित नही रहे इस ओर भी ध्यान दें। भीमा कोरेगाव मामले में पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को भी दोषी माना जा रहा है और उन पर एफआईआर दाखिल करने की मांग की जा रही है। इस संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने उनका नाम लिए बगैर कहा कि एल्गार परिषद की केस पूरी तरह मनगढंत है और जैसे ही यह समाप्त होगी उसके बाद जो भी अधिकारी इसमें लिफ्त रहें उनके खिलाफ हम कोर्ट जायेंगे।
Created On :   1 March 2020 1:34 PM IST