रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में दो दिवसीय शोध शिखर का भव्य शुभारंभ

AISECT Bhopal: Grand launch of two-day research summit at Rabindranath Tagore University
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में दो दिवसीय शोध शिखर का भव्य शुभारंभ
शोध शिखर 2023 रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में दो दिवसीय शोध शिखर का भव्य शुभारंभ

डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय व सहयोगी संस्थाओं द्वारा दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय शोध और नवाचार महोत्सव ‘‘शोध शिखर 2023’’ का आज भव्य शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि श्री मनोहर ममतानी, अध्यक्ष, मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग और बतौर विशिष्ट अतिथि डॉ. लोकेश शर्मा, ए.सी.ई.ओ., अटल बिहारी वाजपेई गुड गवर्नेंस एंड पॉलिसी एनालिसिस (एआईजीजीपीए) भोपाल, डॉ. अजय सिंह, कार्यकारी निदेशक, एम्स भोपाल, प्रो. धीरज कुमार, निदेशक, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (एनआईडी) भोपाल उपस्थित थे। वहीं, आईसेक्ट के निदेशक डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी, डॉ. ब्रहम प्रकाश पेठिया, कुलपति आरएनटीयू, डॉ विजय सिंह, कुलसचिव, आरएनटीयू और प्रो. वी.के वर्मा, समन्वयक सीआरजी आरएनटीयू विशेष रुप से उपस्थित थे।

इस मौके पर श्री मनोहर ममतानी ने कहा कि हम पहले से ही विश्वगुरु थे। भारत की प्राचीन संस्कृति, वास्तुकला अद्वितीय थी। हम सभी अपने अपने क्षेत्रों में मिलकर कार्य करेंगे तभी अमृतकाल में मजबूत राष्ट्र बनकर उभरेंगे।

श्री संतोष चौबे ने अपने वक्तव्य में कहा कि विश्वविद्यालय में शोध की संस्कृति है। आज साइंटिफिक टेंपरामेंट की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय की प्राथमिकता सोशल कनेक्ट रही है। शोध के लिए भी 500 से अधिक समस्याओं को विश्वविद्यालयीन ने रेखांकित किया है और शोधार्थियों को समाधान के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जाता है। विश्वविद्यालीन शोध में कोलेबोरेटिव रिसर्च परजोर दिया जा रहा है।  

डॉ. लोकेश शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय के प्रयासों की सरहाना करते हुए कहा कि देश में इस तरह के प्लेटफॉर्म की आवश्यकता है। शोध में एप्लीकेबिलिटी और प्रोसेस डॉक्यूमेंटेशन पर बल दिया जाना चाहिए।

डॉ. अजय सिंह ने कहा कि शोध शिखर की जरूरत पूरे देश और समाज को है। रिसर्च ऐसा होना चाहिए जिसके आउटकम दिखाई दें। सिकल सेल एनिमिया के क्षेत्र में, मेटरनल और चाइल्ड हेल्थ जैसे क्षेत्रों में अधिक शोध किए जाने की जरूरत पर बल दिया।  

प्रो. धीरज कुमार ने उद्योगों से कनेक्ट की बात करते हुए कहा कि शोधार्थियों को वेस्ट मैनेजमेंट, सस्टेनेबिलिटी, क्लाइमेट चेंज जैसे विषयों पर जोर देना चाहिए।  

कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत वक्तव्य देते हुए आईसेक्ट के निदेशक  डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने आईसेक्ट समूह और रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि शोध, नवाचार और उद्यमिता हमारी प्राथमिकता रही है। विश्वविद्यालय ने कौशल विकास, भारतीय भाषाओं, ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। शोध शिखर भी इसी कड़ी में एक प्रयास है। 

डॉ. ब्रहम प्रकाश पेठिया ने कहा कि शोधार्थियों को शोध के लिए अपने कम्फर्ट क्षेत्र से बाहर आना चाहिए। इस महोत्सव में चयनित 60 प्रोजेक्ट की प्रदर्शनी का उद्घाटन अतिथियों द्वारा किया गया। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट निम्नलिखत हैं।

एडवांस सेफ्टी व्हीकल एंड एक्सीडेंट अलर्ट सिस्टम

आरएनटीयू के मैकेनिकल इंजी. के छात्र यूनुस अंसारी, अमित शर्मा, गुड्डू कुमार, अजय कुमार ने एडवांस सेफ्टी व्हीकल एंड एक्सीडेंट एलर्ट सिस्टम पर अपना प्रोजेक्ट प्रेजेंट किया। इसके अनुसार एक्सीडेंट होने की स्थिति में कार की सेंसिंग टेक्निक के द्वारा स्वाचालित न्यूमेटिक बंपर काम करेगा जो कि कार में होने वाली क्षति को 60 प्रतिशत तक कम करेगा। इसके साथ ही एंटी एल्कोहॉलिक और एंटी इंफ्लेमेबल सेंसर भी लगाए गए हैं जो कार के अंदर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकेंगे। 

मल्टीलेवल फार्मिंग टेक्नीक

आरएनटीयू के एग्रीकल्चर विभाग के डॉ. अशोक वर्मा ने मल्टीलेवल फार्मिंग टेकनीक विकसित की है जिसके अनुसार शहरी क्षेत्रों में सब्जियों की खेती एक छोटे से एरिया में उगाई जा सकेंगी।

पेन रिलीफ डिवाइस

गणपत यूनिवर्सिटी गुजरात के छात्र विराज, रिति और मिथिल ने दर्द निवारक इंस्ट्रूमेंट बनाया है जो कि जोड़ो में होने वाली दर्द के लिए फायदेमंद है। यह यंत्र मरीजों पर उपयोग किया जा रहा है जिससे बुजुर्गों, महिलाओं और एथलीट्स को होने वाली परेशानियों से निजात मिल गई है।

मधुमक्खी पालन में नई तकनीक का विकास

डॉ. सीवी रामन विश्वविद्यालय बिहार के छात्रों ने मधुमक्खी पालन के लिए एक नई तकनीक विकसित की है जिसके अनुसार सालभर शहद का उत्पादन किया जा सकेगा। इन्होंने फूलों की खेती के साथ मधुमक्खी पालन के लिए प्रयास किए जिनके सकारात्मक परिणामों के फल स्वरूप यह तकनीक विकसित हुई है।

हाइड्रोपोनिक हरा चारा का किया विकास

डॉ. सीवी रामन विश्वविद्यालय बिहार के ही एक अन्य छात्र समूह ने हाइड्रोपोनिक हरा चारा विकसित करने की तकनीक खोजी है जिसके अनुसार शहरी क्षेत्रों में पशुओं के लिए कम क्षेत्रफल में ज्यादा चारा कम समय में प्राप्त किया जा सकेगा।

इसके अलावा एग्जीबिशन में प्रमुख रूप से एविओसिअन टेक्नोलॉजीज दिल्ली ने ड्रोन मेन्यूफेक्चरिंग, ड्रोन स्किल डेवलपमेंट, ड्रोन रिसर्च एंड डेवलपमेंट, ड्रोन लैब सेटअप, ड्रोन पायलटिंग और ड्रोन एप्लिकेशन्स का एग्जीबिशन लगाया। इसके अलावा माइन इंस्ट्रूमेट्स प्रा. लि. इंदौर द्वारा एग्जीबिशन में इलेक्ट्रिकल व्हीकल के लिए सॉल्यूशन, ईवी ट्रेनिंग सिस्टम, बैटरी मैनेजमेंट ट्रेनिंग सिस्टम इत्यादि की जानकारी दी गई। एग्जीबिशन में शामिल हुई रीगल मेडी सर्ज द्वारा फिटनेस प्रोडक्ट्स की जानकारी दी  और बताया कि वे फिजियोथेरेपी, सर्जिकल, स्लिमिंग और फिटनेस के क्षेत्र में कार्यरत हैं। इसके अलावा आईसेक्ट फ्यूचर स्किल एकेडमी, आईसेक्ट लर्न और आईसेक्ट एकेडमी फॉर एनिमेशन मल्टीमीडिया और गेमिंग को प्रस्तुत किया गया। साथ ही रमन ग्रीन प्रा. लि. द्वारा मिलेट प्रोडक्ट्स को पेश किया गया। आरएनटीयू के मेडिकल साइंस डिपार्टमेंट, फैकल्टी ऑफ नर्सिंग द्वारा क्लिनिकल हेल्थ चेकअप फेसिलिटी प्रदान की गई।  

इस मौके पर स्मारिका, इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए…, विज्ञान पर किताबों का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। साथ ही इस अवसर पर अतिथियों द्वारा पौधारोपण भी किया गया। कार्यक्रम के अंत में प्रो. विजयकांत वर्मा, निदेशक, कोर रिसर्च एंड इन्नोवेशन ग्रुप (सीआरआईजी) ने सभी का आभार व्यक्त किया। शालिनी यादव और राकेश खरे के समन्वयन में कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

25 फरवरी को होने वाले समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि डॉ अनीता अग्रवाल, हेड, टेक्नोलॉजी ग्रुप, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार  उपस्थित रहेंगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे जी करेंगे।

 

Created On :   24 Feb 2023 8:36 PM IST

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