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कृषि अधोसंरचना कोष बदलेगा कृषि और किसानों की दशा प्रधानमंत्री श्री मोदी की अद्भुत योजना को जमीन पर उतारने में पीछे नहीं रहेगा मध्यप्रदेश
डिजिटल डेस्क, छतरपुर। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज वीडियो कान्फ्रेंस से केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण, पंचायत राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ कृषि अधोसंरचना कोष के क्रियान्वयन के संबंध में विस्तृत चर्चा में हिस्सा लिया। केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा आत्मनिर्भर भारत अन्तर्गत कृषि क्षेत्र में अधोसंरचना कोष के संबंध में राज्यों से चर्चा की और प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा किसानों की समृद्धि के लिए तैयार किए गए प्रकल्प को सफल बनाने का आव्हान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश प्रधानमंत्री श्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत कृषि अधोसंरचना कोष का अधिकाधिक लाभ किसानों को दिलवाने का कार्य करेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने की यह अद्भुत योजना है। मध्यप्रदेश सरकार इसके क्रियान्वयन में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इसे जमीन पर उतारने की दिशा में मध्यप्रदेश सरकार ने ठोस प्रयास प्रारंभ कर दिए हैं। मध्यप्रदेश के प्रयासों का आज वीडियो कान्फ्रेंस में उल्लेख हुआ। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों ने मध्यप्रदेश में आत्मनिर्भर वेबिनार के माध्यम से कृषि अधोसंरचना कोष के प्रावधानों का लाभ लेने के लिए की गई अग्रिम पहल को अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय बताया। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय की इस वीडियो कान्फ्रेंस में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के दोनों राज्यमंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला और श्री कैलाश चौधरी के साथ ही हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और हिमाचल प्रदेश, गुजरात एवं अन्य प्रांतों के कृषि एवं सहकारिता मंत्री उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केन्द्रीय मंत्री को आश्वस्त किया कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए मध्यप्रदेश में सुनियोजित प्रयास होंगे। इस दिशा में कृषि, सहकारिता और उद्यानिकी विभाग की गतिविधियाँ प्रारंभ हो गई हैं। कृषि विभाग की तरफ से राज्यस्तरीय निगरानी समिति और जिलास्तरीय निगरानी समितियों के गठन, कृषक उत्पादक समूह (एफपीओ) को आंदोलन के रूप में विस्तारित करने का लक्ष्य है। हर विकासखंड से योजना के अंतर्गत कम से कम दो प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं। सहकारिता विभाग की तरफ से भारत सरकार के उपक्रम नाबार्ड, एनसीवीसी के अधिकारियों को शामिल करते हुए सहकारिता विभाग, अपेक्स बैंक और मार्कफेड के अधिकारियों की दो कमेटियों का गठन किया गया है। निर्धारित मापदंडों के मुताबिक 263 जिलास्तरीय प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) और 54 विपणन समितियों को चिन्हित कर लिया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में उन्नत सीडग्रेंडिंग प्लांट, वेक्यूम व्हीट पैकिंग यूनिट, वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज की श्रृंखला विकसित होगी। मध्यप्रदेश में एक जिला एक पहचान के अंतर्गत विभिन्न जिलों में सब्जियों और फलों के उत्पादन की अधिकता का लाभ लेते हुए प्रोसेसिंग यूनिट विकसित होंगी। वर्तमान में उत्पादन अधिक हो जाने से उत्पाद की कीमत कम हो जाने की स्थिति में किसान लाभान्वित नहीं हो पाता। उद्यानिकी विभाग की ओर से पैकहाउस, कोल्डरूम, इंटेग्रेटेड हाउस, इंटेग्रेटेड कोल्ड चेन सप्लाई, मोबाइल प्रोसेसिंग यूनिट, सॉर्टिंग एण्ड ग्रेडिंग के प्रकरण तैयार किए जा रहे हैं। इस संबंध में हाल ही में आत्मनिर्भर वेबिनार में रोडमैप बनाने के लिए हुए विचार-विमर्श में ठोस सुझाव मिले हैं। इन्हें क्रियान्वित किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के इस मत के वे पक्षधर हैं कि सिर्फ सब्सिडी आदि से किसान कल्याण संभव नहीं है बल्कि दीर्घ अवधि की प्लानिंग तैयार कर बिचौलियों से उत्पादकों को बचाते हुए ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलवाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कृषि उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश में स्टार्टअप को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर भारत के पैकेज के अंतर्गत बेहतर परिणाम लाने के लिए संकल्पबद्ध है। कृषि क्षेत्र में आएगी क्रांति : केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत कृषि अधोसंरचना कोष में एक लाख करोड़ की राशि के प्रावधान और क्रियान्वयन के बिंदुओं पर राज्यों से हो रही यह बातचीत इस कार्य को गति प्रदान करेगी।
Created On :   22 Aug 2020 3:00 PM IST