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बोवनी के बाद पता चलेगा किसानों को खाद-बीज की गुणवत्ता
डिजिटल डेस्क, कटनी। जिले के किसानों ने खरीफ फसल की तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिले में लगभग दो लाख हैक्टेयर में खरीफ फसल बोई जाती है, जिसमें सर्वाधिक रकबा धान है। किसानों धान का रोपा लगाने के लिए नर्सरी भी तैयार करना प्रारंभ कर दिया है और मानसून की आमद के साथ छिटका बोवनी शुरू हो जाएगी। इस समय खाद बीज की हर दुकान में किसानों की कतारें लगी हैं। ऐसे समय में यदि किसानों को गुणवत्ताहीन खाद-बीज सप्लाई होती है तो उन्हे भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। पंचायत चुनाव के चलते खाद-बीज की सैम्पलिंग का कार्य भी ठहर गया है। पिछले साल के अनुपात में इस साल अब तक 50 फीसदी नमूने भी नहीं लिए गए। वैसे तो कृषि विभाग ने सभी ब्लाकों में खाद-बीज के नमूने लेने के लिए टीमें गठित कर दी हैं, अब विभाग के अफसर ही कह रहे हैं कि त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव में कृषि विभाग के मैदानी कर्मचारियों की ड्यूटी लगने से सैम्पलिंग कार्य प्रभावित हुआ है।
50 फीसदी भी नहीं लिए नमूने-
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब तक खाद के 40 एवं बीज के 25 नमूने लिए गए हैं। जबकि पिछले साल खाद के 105 एवं बीज के 102 सैम्पल लिए गए थे। हालांकि इन नमूनों की जांच रिपोर्ट के लिए भी इंतजार करना पड़ा है। जब किसान बोवनी कर चुके होते हैं तब रिपोर्ट आती है। यहां तो अभी सैम्पलिंग ही अधूरी है।
डेढ़ गुना महंगी हो गई खाद-
खेती में भी महंगाई का तडक़ा लगा है। सुपर फास्फेट के दाम डेढ़ गुना से ज्यादा बढ़ गए हैं। जानकारी के अनुसार सुपर फास्फेट पाउडर की कीमतें 425 रुपये और दाना की कीमत 438 रुपये प्रति बोरी (50 किलोग्राम) हो गई हैं। जबकि पिछले से 270 रुपये से 275 रुपये थीं। डीएपी के रेट में भी डेढ़ सौ रुपये बोरी वृद्धि हुई है।
इनका कहना है-
खाद-बीज के लिए सभी ब्लाकों में टीमें बना दी गई हैं। चुनाव ड्यूटी के कारण सैम्पलिंग के कार्य में कुछ व्यवधान उत्पन्न हुआ है।
(ए.के.राठौर उप संचालक कृषि)
Created On :   21 Jun 2022 12:38 PM IST