अवमानना की चेतावनी के बाद - एनजीटी ने सभी मामलों को किया पश्चिमी क्षेत्र बेंच में स्थानांतरित

After SC warning of contempt - NGT transfers all cases to Western Region Bench
अवमानना की चेतावनी के बाद - एनजीटी ने सभी मामलों को किया पश्चिमी क्षेत्र बेंच में स्थानांतरित
सुप्रीम कोर्ट अवमानना की चेतावनी के बाद - एनजीटी ने सभी मामलों को किया पश्चिमी क्षेत्र बेंच में स्थानांतरित

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की प्रधान पीठ ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि उसने ट्रिब्यूनल की पुणे स्थित पश्चिमी क्षेत्र बेंच को सभी केसेस सुनवाई के लिए स्थानांतरित कर दिया गया है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने अक्टूबर 2022 को ट्रिब्यूनल की प्रधान पीठ को आदेश दिया था कि वह पश्चिमी क्षेत्र से उत्पन्न होने वाले सभी मामलों को पुणे स्थित बेंच को स्थानांतरित करें। इतना ही नहीं जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने ट्रिब्यूनल की प्रधान पीठ को चेतावनी भी दी थी कि शीर्ष अदालत के आदेश की अवहेलना करने के लिए उसके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरु की जाएगी। इसके बाद 11 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान भी कोर्ट ने ट्रिब्यूनल की प्रधान पीठ को उसके आदेश का पालन नहीं करने के लिए खड़े बोल सुनाए थे।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल बार एसोसिएशन (पश्चिमी क्षेत्र, पुणे) द्वारा दायर आवेदन पर आज फिर जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई, जिसमें आरोप लगाया गया था कि शीर्ष अदालत के अक्टूबर 2022 के आदेश का ट्रिब्यूनल की प्रधान पीठ द्वारा उल्लंघन किया गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के रजिस्ट्रार ने आज हलफनामा दायर कर सुप्रीम कोर्ट की पीठ को बताया कि उसने पुणे स्थित पश्चिमी क्षेत्र बेंच को सभी मामले स्थानांतरित कर दिए है। लिहाजा पीठ ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के रजिस्ट्रार द्वारा दायर हलफनामे के मद्देनजर आवेदक की शिकायत अब नहीं बचती है। अत: आवेदन निरस्त किया जाता है।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 22 सितंबर 2022 को उत्तरी क्षेत्र को छोड़कर देश के पूर्वी, मध्य, पश्चिमी और दक्षिणी चार क्षेत्रों के लिए दिल्ली में एक विशेष पीठ गठित करने वाली नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की प्रधान पीठ द्वारा जारी प्रशासनिक नोटिसों को रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट ने एनजीटी द्वारा पश्चिमी क्षेत्र के मामलों की सुनवाई के लिए दिल्ली में एक विशेष बेंच के गठन को अवैध करार देते हुए कहा था कि पश्चिमी जोनल बेंच के सदस्य ही महाराष्ट्र और गोवा से उत्पन्न मामलों सहित पश्चिमी क्षेत्र से संबंधित मामलों की सुनवाई कर सकते है। हाईकोर्ट के इस आदेश को एनजीटी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।

 

Created On :   24 April 2023 9:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story