घर पहुंचकर जज ने दी क्षतिपूर्ति की राशि, पहली बार महिला पीड़ित प्रतिकर योजना का मिला लाभ

After reaching home, the judge gave the amount of compensation
घर पहुंचकर जज ने दी क्षतिपूर्ति की राशि, पहली बार महिला पीड़ित प्रतिकर योजना का मिला लाभ
घर पहुंची अदालत घर पहुंचकर जज ने दी क्षतिपूर्ति की राशि, पहली बार महिला पीड़ित प्रतिकर योजना का मिला लाभ

डिजिटल डेस्क, सिवनी। अब तक आपने अदालत में ही फैसले और योजनाओं का लाभ मिलते हुए देखा और सुना होगा लेकिन जिले में पहला मामला सामने आया है जहां पर कोर्ट में फैसला होने पर घर जाकर किसी जज ने क्षतिपूर्ति की राशि दिलाई। मामला सिवनी कोतवाली से जुड़ा है। गुरुवार को जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव विकास शर्मा ने महिला पीड़ित प्रतिकर योजना में पहला केस सामने आने पर एक परिवार को ढाई लाख रुपए की अंतरिम राशि दी। पहली बार जज के घर आने पर परिवार के लोग भी हक्के बक्के रह गए।

ये है मामला-

जानकारी के अनुसार पिछले माह 11 मार्च को भगत सिंह वार्ड में किराए के मकान में रहने वाली रंजना कोरी ने घर पर ही फंदे पर झूलकर खुदकुशी कर ली थी। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल की थी। रंजना के साथ 12 साल की बेटी खुशबू कोरी थी जो साथ में रहती थी। हादसे के बाद वह अपने पिता प्रमोद कोरी के पास रहने लगी।

कोर्ट ने खुद लिया संज्ञान-

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव विकास शर्मा ने महिला पीडि़त प्रतिकर योजना के संबंध में एसपी को पत्र लिखा था। तब यह जानकारी सामने आई थी कि खुशबू की मां ने खुदकुशी की है। इसके तहत खुशबू महिला पीडि़त प्रतिकर योजना के लाभ की हकदार है। तब कोर्ट ने 26 अप्रैल को खुद ही संज्ञान लिया और जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश विकास शर्मा ने 28 अप्रैल फैसला सुनाया और ढाई लाख रुपए की अंतरिम राशि देने के आदेश दिए। यदि मामले में और भी साक्ष्य पाए गए तो केस में पीड़ित को दस लाख रुपए तक क्षतिपूर्ति मिल सकती है।

सरकार ने लागू नहीं किया-

जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने नालसा के तहत 2018 में एक आदेश जारी कर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण से कहा है कि महिला पीड़ित प्रतिकर योजना को स्वत: संज्ञान में लिया जाए। जबकि मप्र में सरकार ने यह योजना लागू नहीं की है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को ऐसे मामले में स्वत: संज्ञान लेने के अधिकार है। सिवनी जिले में यह पहला मामला है जहां पर कोर्ट ने इस योजना का पहला मामला संज्ञान में आने पर त्वरित फैसला सुनाया। गुरुवार को खुशबू के परिवार को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि जज उनके घर आकर यह राशि सौंपेंगे। जज ने खुशबू से कहा कि इस मामले में और भी तथ्य सामने आने पर और भी राशि मिल सकती है।
 

Created On :   29 April 2022 1:11 PM IST

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