बारिश और बाढ़ के बाद हर तरफ दिखा तबाही का मंजर

After rains and floods, there was devastation everywhere
बारिश और बाढ़ के बाद हर तरफ दिखा तबाही का मंजर
बारिश और बाढ़ के बाद हर तरफ दिखा तबाही का मंजर


डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। पिछले दिनों हुई भारी बारिश से चौरई और चांद क्षेत्र में सबसे ज्यादा तबाही हुई है। सालों बाद हुई इतनी बारिश के चलते इन दो विकासखंडों के 10 गांवों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। प्रशासन के सर्वे के तहत इन गांवों के 742 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं। वहीं 1 हजार से ज्यादा मवेशियों की मौत हुई है। मंगलवार को पत्रकारवार्ता लेते हुए ये जानकारी कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने दी।
कलेक्टर श्री सुमन ने बताया कि पूरे जिले में बारिश से पांच जनहानि हुई है। प्रशासन ने ऐहतियात के तौर पर एनडीआरएफ की टीम से संपर्क करते हुए बाढ़ में फंसे लोगों का रेस्क्यू करवाया। इस आपदा के चलते चार हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। जनसरकारी सुविधाएं उपलब्ध करवा दी गई हैं। 742 मकान तो पूरी तरह से गिर गए। वहीं 4 हजार से मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है। प्रशासन द्वारा अभी भी सर्वे कार्य यहां किया जा रहा है। सभी प्रभावितों को सरकारी स्कूलों सहित अन्य सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है।
90 सड़कें अतिवृष्टि से हुई प्रभावित
कलेक्टर श्री सुमन ने बताया कि 36 घंटे तक हुई लगातार बारिश के चलते 90 सड़कें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। बारिश थमते ही प्रशासन द्वारा इन सड़कों को शुरू करा दिया गया है। जहां भू-स्खलन हुआ था,वहां भी सफाई करवाते हुए सड़क मार्ग शुरू कर दिया गया है। चौरई में डूबे इंटकवेल को लेकर कलेक्टर ने बताया कि इसकी जांच करवाई जाएगी।
बैठक के बाद होगा लॉक डाउन पर निर्णय
राज्य सरकार ने पिछले दिनों रविवार को होने वाले लॉक डाउन में छूट दे दी है। इस पर कलेक्टर ने कहा कि जिला स्तर पर जिला आपदा प्रबंध समिति की बैठक के बाद रविवार लॉक डाउन पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले में प्रत्येक 100 लोगों पर 2.58 प्रतिशत लोग पॉजीटिव पाए जा रहे हैं। रिकवरी रेट भी बढ़कर 79.34 प्रतिशत हो चुका है। वहीं मृत्यु दर प्रति 100 व्यक्तियों पर 1.52 है। जिले में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में है।
वैकल्पिक व्यवस्था बनाई तीन महीने में बनाए जाएंगे मकान
कलेक्टर ने बताया कि प्रभावितों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बना दी गई है। तीन महीने के तमाम इंतजाम प्रभावितों के लिए किए जा रहे हैं। जिन लोगों का घर पूरी तरह से टूट गया है। ऐसे लोगों के लिए नए मकानों का निर्माण अगले तीन महीने के भीतर कर दिया जाएगा। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऊंचे स्थानों का चयन किया जाएगा।

Created On :   1 Sept 2020 11:34 PM IST

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