ऑफ्टर कोविड: आंखों में धुंधलापन की आ रही समस्याएं

After Kovid: Problems of blurring of eyes
ऑफ्टर कोविड: आंखों में धुंधलापन की आ रही समस्याएं
ऑफ्टर कोविड: आंखों में धुंधलापन की आ रही समस्याएं



- कई लोगों के चश्मे का नम्बर बदला, नेत्र विभाग में पहुंच रहे मरीज
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। कोरोना वायरस को मात देकर लौटे लोगों में कई तरह की शारीरिक समस्याएं देखने को मिल रही हैं। कोरोना से कमजोर हुए लोगों में थकान, बीपी, शुगर बढऩे की दिक्कतों के साथ ही अब आंखों से संबंधित समस्याएं भी सामने आ रही है। इन दिनों मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल की नेत्र ओपीडी में आंखों में धुंधलापन की समस्या लेकर कई मरीज पहुंच रहे हैं। सरकारी के अलावा निजी अस्पतालों में भी नेत्र से जुड़ी तकलीफें लेकर लोग इलाज कराने आ रहे हैं।
बुधवार को नेत्र ओपीडी पहुंचे पोला ग्राउंड के समीप रहने वाले 33 वर्षीय रोहित कुमार ने बताया कि कोरोना से स्वस्थ होने के बाद उसे आंखों मेें धुंधलापन की समस्याएं आ रही है। रोहित के मुताबिक वह एक मई को कोरोना पॉजिटिव हुआ था। जिला अस्पताल में इलाज के बाद 17 मई को स्वस्थ होकर घर लौटा था। पिछले कुछ दिनों से उसे आंखों में धुंधलापन की समस्या आ रही है। नेत्र चिकित्सकों द्वारा उसे इलाज दिया जा रहा है।
कई लोगों के चश्मे के नम्बर बढ़ गए-
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ.राहुल कोठारी के मुताबिक कई लोग ऐसे भी है जिन्हें कोविड के पहले शुगर नहीं थी। इलाज के बाद उनका शुगर लेबल काफी बढ़ गया है। शुगर की समस्या के चलते भी कई लोगों के चश्मे के नम्बर बढ़ गए है। आमतौर पर लोगों के चश्मे के नम्बरों में छह से आठ माह में बदलाव होता है।
दवाओं का हो रहा विपरीत असर, न बरतें लापरवाही-
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ.राहुल कोठारी ने बताया कि कोरोना के दौरान मरीजों को स्टेराइड की अधिक मात्रा या खून पतला करने दी गई दवाओं से आंखों में असर पडऩे की संभावना अधिक है। नई बीमारी होने की वजह से अभी स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है कि किस दवा की वजह से लोगों की आंखों में दिक्कतें आ रही है। आंख काफी संवेदनशील अंग है। आंखों में किसी प्रकार से बदलाव या समस्या सामने आए तो लापरवाही न बरतें और चिकित्सकीय इलाज जरुर लें।
हर रोज अस्पताल पहुंच रहे एक से दो मरीज-
जिला अस्पताल के नेत्र विभाग में आंखों में धुंधलापन की समस्या लेकर रोजाना लगभग एक से दो मरीज आ रहे है। जिनकी आंखों की जांच कर दवाएं दी जा रही है। डॉ.राहुल कोठारी ने बताया कि उनके क्लीनिक में एक माह में औसतन तीस मरीज इस तरह की समस्या का इलाज कराने आ चुके है।
इन समस्याओं से भी जूझ रहे मरीज-
- थकान, खांसी और बुखार आना।
- बीपी और शुगर बढऩे की दिक्कत।
- ब्लैक फंगस की समस्या।
- पेट में संक्रमण, ब्लड में थक्के जमने की दिक्कत।
- हृदय में भारीपन समेत अन्य समस्याएं।
- मानसिक तनाव की स्थिति।
- नींद न आने की समस्या।
(जिला अस्पताल की पोस्ट कोविड क्लीनिक में पिछले एक माह में इन समस्याओं से ग्रसित लगभग 60 मरीज इलाज करा चुके है।)

Created On :   16 Jun 2021 11:06 PM IST

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