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शिकायतों के दौर के बाद पालकमंत्री राऊत बोले, मैंने ब्राम्हण नहीं ब्राम्हणवाद पर बोला था
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सत्कार समारोह में दिए गए वक्तव्य पर मचे बवाल पर पालकमंत्री डॉ.नितीन राऊत ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि वे किसी समाज की भावना काे आहत नहीं पहुंचाना चाहते हैं। उन्होंने ब्राम्हण नहीं बल्कि ब्राम्हणवाद के विरोध में बोल है। उनके वक्तव्य का अलग आशय न लगाया जाए। पालकमंत्री ने यह भी कहा है कि ब्राम्हण समाज का वे सम्मान करते हैं। इस समाज के लोगों ने देश के निर्माण में योगदान दिया है। विविध क्षेत्रों में प्रतिनिधित्व किया है। कांग्रेस में भी ब्राम्हण समाज के नेताओं ने कुशल नेतृत्व किया है। वे उस ब्राम्हणवाद का विराेध करते हैं जिसमें मनुस्मृति के अनुसार समाज में वर्णव्यवस्था की गई थी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मनुवाद का भी विरोध करते हैं। डॉ.राऊत राज्य में पालकमंत्री हैं। कांग्रेस में अखिल भारतीय स्तर पर एससी सेल के अध्यक्ष हैं। 8 मार्च को इंदोरा चौक में सत्कार कार्यक्रम में उनके वक्तव्य को लेकर भाजपा व ब्राम्हण समाज संगठन ने आक्षेप दर्ज कराया था। सोशल मीडिया पर वायरल हुए राऊत के भाषण का निषेेध किया जाने लगा। कहा गया कि राऊत , ब्राम्हण समाज को विदेशी कह रहे हैं। संवैधानिक पद पर रहते हुए समाज में तनाव फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।
इस मामले में कांग्रेस की ओर से भी अपनी भूमिका स्पष्ट करने को कहा गया। शहर भाजपा की ओर से पुलिस थाने में शिकायत दी गई। ब्राम्हण समाज सेना के पदाधिकारियों ने पालकमंत्री से लिखित तौर पर माफी मांगने का आव्हान किया। माफी नहीं मांगे जाने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी गई। भाजपा अनुसूचित मोर्चा की ओर से कहा गया कि समाज में द्वेष फैलाने का प्रयास कर रहे पालकमंत्री को मंत्रिमंडल से हटाया जाना चाहिए। सोशल मीडिया पर भी पालकमंत्री का जमकर विरोध किया जाने लगा। इस पूरे मामले पर कांग्रेस की ओर से कोई बयान नहीं आया।
Created On :   16 March 2020 10:42 AM GMT