9 साल बाद कैंसर इंस्टीट्यूट का मार्ग खुला, जल्द निकाली जाएगी निविदा

After 9 years, the path of Cancer Institute opened, tender will be taken out soon
9 साल बाद कैंसर इंस्टीट्यूट का मार्ग खुला, जल्द निकाली जाएगी निविदा
मेडिकल अस्पताल 9 साल बाद कैंसर इंस्टीट्यूट का मार्ग खुला, जल्द निकाली जाएगी निविदा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेडिकल में लंबे समय से कैंसर इंस्टीट्यूट की योजना प्रस्तावित थी। बाद में यह योजना औरंगाबाद में शिफ्ट कर दी गई। वहां पर कैंसर इंस्टीट्यूट बनाया गया। इसके बाद लगातार मेडिकल की ओर से कैंसर इंस्टीट्यूट और लिनियर एक्सलरेटर मशीन की मांग की जा रही थी, जिसको लेकर मंत्रालय से मशीन के लिए 23 करोड़ और इंस्टीट्यूट के लिए 76.10 करोड़ की निधि मिली। यह निधि मिलने के बाद भी यहां पर जमीन के कारण योजना शुरू नहीं हो पाई। अब इसके निर्माण को लेकर जल्द ही टेंडरिंग होने वाली है। साथ ही लिनियर एक्सलरेटर मशीन की खरीदी और अन्य चीजों के लिए भी टाटा की मदद ली जा रही है। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के टीबी वार्ड परिसर में इस इंस्टीट्यूट के लिए जगह निश्चित की गई थी। वह जमीन डीन के नाम पर नहीं थी। वह सार्वजनिक जमीन होने के कारण योजना अटक गई। करीब 6 साल से यह योजना इसी तरह अटकी रही। इसके बाद अब मेडिकल के डीन डॉ. सुधीर गुप्ता ने इस पर प्रयास करते हुए कलेक्टाेरेट से इस जमीन पर एनओसी ली, जिसके बाद अब इसका टेंडर निकाला जाएगा। यहां 3 मंजिला इमारत तैयार की जाएगी, जिसमें 4 वार्ड, दो ऑपरेशन थिएटर और 3 आईसीयू होंगे, साथ ही 3 कोबाल्ट मशीन और एक लिनियर एक्सलरेटर मशीन की सुविधा होगी। चिकित्सा सचिव सौरभ विजन ने इस विषय पर 2 सितंबर को ऑनलाइन बैठक ली थी। टाटा कैंसर अस्पताल के डॉक्टर कैलाश शर्मा ने भी कहा था कि वह संस्थान की स्थापना करने में मदद करेंगे। इसके लिए पहले से ही 76 करोड़ रुपए मंजूर थे। मेडिकल के तत्कालीन कैंसर रोग विभाग प्रमुख डॉ. कृष्णा कांबले ने यह मुद्दा उठाया था। विधानसभा में 2012 के अधिवेशन में तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने मेडिकल में कैंसर संस्थान की घोषणा की। डॉ. कांबले ने प्रस्ताव तैयार किया, जो मंजूर भी हुआ, लेकिन बाद में सत्ता में दूसरी सरकार आई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सरकार ने इंस्टीट्यूट की योजना को औरंगाबाद के शासकीय अस्पताल में शिफ्ट कर दिया। इसके बाद डॉ. कांबले ने तत्काल न्यायालय में याचिका दायर की, जिसके बाद 2019 में न्यायलय ने डेढ़ वर्ष में संस्था बनाने का आदेश दिया। फिर भी संस्था नहीं बन पाई। 

Nagpur: Dr Sudhir Gupta appointed GMCH in-charge dean | Nagpur News - Times  of India

 

मरीजों के लिए होगा वरदान

डॉ. सुधीर गुप्ता, अधिष्ठाता, मेडिकल के मुताबिक मेडिकल के टीबी वार्ड परिसर में कैंसर इंस्टीट्यूट स्थापना के लिए टाटा मदद करेगी। विदर्भ में कैंसर मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह इंस्टीट्यूट वरदान साबित होगा। इसमें 4 वार्ड, 2 ऑपरेशन थिएटर और 3 आईसीयू होंगे। 

 

Medical Facilities in Nagpur | Ambulance Services in Hospitals | Center  Point Hospital

मेडिकल : अग्निशमन यंत्रणा लगाने का कार्य होगा शुरू

महाविद्यालय व अस्पताल के कोविड अस्पताल में जरूरत के अनुसार अग्निशमन यंत्रणा नहीं होने की बात फायर ऑडिट में सामने आई थी। इसके बाद आवश्यक संरचना और निर्माण कार्य के लिए 4.38 करोड़ रुपए का टेंडर निकाला गया है। इसका कार्य शुक्रवार से शुरू हो जाएगा। भंडारा जिला अस्पताल में नवजात शिशु विभाग में अतिदक्षता विभाग में शॉर्ट सर्किट होने से आग लगने की घटना कुछ माह पहले हुई थी। इसमें करीब 9 से 10 नवजात बच्चों की मृत्यु हो गई थी। इस घटना के बाद राज्य के सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल सहित स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में फायर और इलेक्ट्रिकल ऑडिट के आदेश दिए गए थे। इसके अनुसार मेडिकल अस्पताल में भी ऑडिट किया गया। पहले चरण में तीसरी लहर की आशंका के चलते कोविड अस्पताल सहित तीन आईसीयू विभाग में ऑडिट में आई खामियों को दूर करने का कार्य शुरू होगा। इसमें प्रत्येक वार्ड में पानी की पाइपलाइन व फव्वारे लगाना, आग लगने पर अलार्म व सूचना देने वाला यंत्र और आग बुझाने के लिए अलग से पानी का टैंक लगाया जाएगा। यह कार्य पूरा होने से यहां आने वाले मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित हो जाएगी। यह कार्य एक दो-दिन में शुरू हो जाएगा। इस कार्य के लिए मेडिकल के डीन डॉ. सुधीर गुप्ता लगातार पहल करते रहे। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में यहां सभी विभागों में अग्निशमन यंत्रणा स्थापित की जाएगी। 

Daga Hospital, Gandhibagh - Hospitals in Nagpur - Justdial

 

डागा अस्पताल मामले में डॉक्टर, परिचारिकाओं के बयान लिए गए

उधर डागा अस्पताल में हाल ही में हुई घटना के बाद स्वास्थ्य उप संचालक ने जांच कमेटी गठित कर दी है। जांच कमेटी ने डॉक्टर और परिचारिकाओं के बयान ले लिए हैं। लेकिन इस विषय में अब तक पीड़ित परिवार की ओर से डागा अस्पताल में कोई लिखित शिकायत नहीं की गई है। नागपुर के डागा स्मृति शासकीय स्त्री अस्पताल में 5 सितंबर को एक मरीज की फर्श पर डिलीवरी हो गई। जन्म लेने वाली बच्ची की मौत हो गई। इस पर परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर समय पर इलाज नहीं करने के कारण बच्ची की मौत होने के साथ  कई तरह के आरोप लगाए हैं।  परिजनों ने इस घटना से संबंधित एक वीडियो भी वायरल किया। इस पर एफआईआर भी दर्ज की गई। जिसको लेकर स्वास्थ्य उप संचालक ने जांच कमेटी गठित की। जांच कमेटी में एक एसईएस, प्रशासकीय अधिकारी, पैथालॉजिस्ट, मेट्रन और क्लास 1 की गायनेकोलॉजिस्ट शामिल हैं। कमेटी ने फिलहाल डॉक्टर और परिचारिकाओं के बयान ले लिए हैं। हालांकि इस विषय पर कमेटी की सदस्य और डागा अस्पताल निवासी चिकित्सा अधिकारी डॉ. माधुरी थोरात ने कहा कि अब तक अस्पताल में किसी भी परिजन की लिखित शिकायत नहीं आई है। हमें ऊपर से जो जांच के आदेश आए हैं उसके अनुसार हम डॉक्टर और परिचारिकाओं के बयान लेंगे। लिखित में शिकायत आने के बाद ही आगे की जांच करेंगे। अस्पताल में फर्श पर डिलीवरी इसलिए की गई क्योंकि उस समय माता की जान बचाना भी जरूरी था। थोड़ी भी गलती से माता की भी जान खतरे में आ सकती थी। इस िवषय पर स्वास्थ्य उप संचालक से भी संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।


 

Created On :   10 Sept 2021 6:27 PM IST

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