आगामी रबी सीजन हेतु चना की उन्नतशील किस्म, बीज दर एवं बीजोपचार हेतु सलाह ’’ बीज को उपचारित कर ही बोये’’

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
आगामी रबी सीजन हेतु चना की उन्नतशील किस्म, बीज दर एवं बीजोपचार हेतु सलाह ’’ बीज को उपचारित कर ही बोये’’

डिजिटल डेस्क, बुरहानपुर। चना बीज की बुवाई लगभग प्रारंभ होने वाली है। चना फसल की मुख्य बीमारी उखठा रोग है। उखठा रोग में खडी फसल अचानक सूखने लगती है। चना फसल को उखठा रोग से बचाव के लिए चना बीज को उपचार कर ही बुवाई करे। यह जानकारी कृषि उपसंचालक श्री एम.एस.देवके ने दी। उन्होंने बताया कि- चना फसल हेतु बीज दर एवं उन्नतशील किस्म 1. चने के बडे दाने वाली प्रजाति जैसे-काबुली चना किस्म RVK.101, RVK.102ए JGK.1 - JGK.3 जिसकी बीज दर 80-85 किलोग्राम प्रति हेक्टर है। 2. चने के छोटे दाने वाली प्रजाति जैसे-काबुली चना किस्म RVG.201.202, 203, JG.14, JG.11 - JG.130 जिसकी बीज दर 60-65 किलोग्राम प्रति हेक्टर है। जैविक विधि में उपचार के लिये- 3. बीज को जैविक विधि से उपचार के लिये ट्रायकोडर्मा विरडी की मात्रा 5 ग्राम एक किलो बीज के लिये पर्याप्त होती है। रासायनिक विधि में उपचारित के लिये- 4. बीजोपचार हेतु चना फसल में उक्टा (विल्ट) एवं जड़ गलन से बचाव हेतु 2.5 ग्राम थायरम या एक ग्राम कार्बेन्डिजम या दो ग्राम थायरम तथा एक ग्राम कार्बेन्डिजम के मिश्रण के हिसाब से प्रति किलोग्राम बीज का उपचार करें। 5. जिन क्षेत्रों में दिमक का प्रकोप अधिक होता है, उन क्षेत्रों मे 20 ईसी. क्लोरोपायरीफॉस का पानी में घोल बनाकर बीजो को उपचारित कर बोवाई करें।

Created On :   28 Oct 2020 2:27 PM IST

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