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दागदार समितियों पर नहीं हो रही कार्रवाई, जिले की अधिकांश समितियों पर निकली है रिकवरी
डिजिटल डेस्क,सिवनी। सहकारिता क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए स्थापित की गई सहकारिता समितियां गड़बड़ी कर रही हैं। कहीं प्रबंधक तो कहीं सेल्समेन के अलावा लेखापाल पर अलग-अलग मामलों में पैसों की रिकवरी है। जबकि हर साल ऑडिट में कोई न कोई गड़बड़ी सामने आ रही है। इक्का दुक्का समितियों के प्रबंधकों के खिलाफ ही एफआईआई हुई लेकिन वे भी बाद में बच निकले। इसमें अधिकांश मामले ऋण और अनाज खरीदी के अतिरिक्त प्रासंगिक व्यय पर मनमाने खर्च से जुड़े हैं।
ये है स्थिति
जानकारी के अनुसार बीसावाड़ी पर 2.40 लाख, चांवड़ी में 2.28 लाख, कान्हींवाड़ा10 लाख, लालपुर में 11 लाख, धारनाकला,2.90 लाख, खामी में 21 लाख, गोपालगंज में लाख, ताखलाकला में 32 लाख, केसला 2.80 लाख, मोहगांव 14.32 लाख, केवलारी में 11.74 लाख, छुई में 5.10 लाख, चक्कीखमरिया 8.15 लाख,नागनदेवरी 2.59 लाख, लखनादौन 8.62 लाख, केदारपुर 1.64 लाख, सरेखा 3.97 लाख, कुडारी में 12 लाख और पांडिया छपारा में 13 लाख समेत अन्य समितयों पर भी बड़ी रिकवरी निकाली गई।
32 लाख का गबन लेकिन एफआईआर नहीं
कुरई ब्लॉक की मोहगांव समिति में 32 लाख से अधिक का गबन पाया गया। इसमें एफआईआर के लिए भी आदेश हुए। कुरई थान में आवेदन भी गया लेकिन अब तक कोई एफआईआर नहीं हुई। हालांकि बाद में गबन की राशि का कुछ हिस्सा जमा कर दिया गया। इसी प्रकार आष्टा समिति में भी बड़ी गड़बड़ाई पाई गई थी इसमें भी एफआईआर नहीं हुई।
समितियों खुद विकसित नहीं
जिले में अधिकांश समितियों खुद विकसित नहीं हो पाई। स्थिति यह है कि समिति के कार्यालयों में तक संसाधनों की कमी है। जबकि अनाज खरीदी में बड़ा कमीशन मिलता है। इससे समितियों को अपने आपको मजबूत बनाना होता है लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा। हर साल अनाज की घटी उन पर निकल रही है।
इनका कहना
प्रकरण चलते रहते हैं और वसूली की कार्रवाई भी होती है। जहां गड़बड़ी मिली है वहां पर एफआईआर भी कराई है।
डॉ अखिलेश निगम, उपायुक्त, सहकारिता
Created On :   29 Nov 2022 5:14 PM IST