फर्जी मस्टर रोल से 24 हजार का गोलमाल करने के आरोपी उपयंत्री को पांच साल की सजा

Accused of committing a breakup of 24 thousand with fake muster rolls
फर्जी मस्टर रोल से 24 हजार का गोलमाल करने के आरोपी उपयंत्री को पांच साल की सजा
फर्जी मस्टर रोल से 24 हजार का गोलमाल करने के आरोपी उपयंत्री को पांच साल की सजा

डिजिटल डेस्क सीधी। जिले के कुसमी जनपद अंतर्गत जवाहर रोजगार योजना अंतर्गत नौढिय़ा ग्राम पंचायत में कराये जा रहे तालाब निर्माण कार्य में उपयंत्री ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर महज 24 हजार रूपये का खयानत किया था। जिसका आरोप सावित होने पर उपयंत्री व समयपाल को पांच-पांच साल का सश्रम कारावास व 7-7 हजार रू. के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश डीएल सोनिया ने यह फैसला सुनाया है।
फैसले की जानकारी देते हुए अपर लोक अभियोजक सूर्यकांत पाण्डेय ने बताया कि वर्ष 2008 में सीधी जनपद पंचायत के नौढिय़ा ग्राम पंचायत में जवाहर रोजगार योजना अंतर्गत राहत कार्य मस्टर रोल के माध्यम से चलाया जा रहा था। जिसके निर्माण कार्य की जिम्मेदारी आरोपी उपयंत्री लक्ष्मण सोनी उर्फ एलपी सोनी पिता शोभनाथ सोनी उम्र 69 साल निवासी मनका थाना जनेह जिला रीवा व विष्णु बहादुर सिंह पिता मणिराज सिंह उम्र 65 साल निवासी उपनी थाना कोतवाली सीधी को सौपी गई थी। दोनों ने मस्टर रोल क्रमांक 8288 से 8292 तक के मजदूरों का नाम अंकित करके छ: दिवस का कार्य करना बताकर 24 हजार 4 सौ रूपये का भुगतान प्राप्त कर लिया था। उपयंत्री ने दो सौ मजदूरों में से फर्जी सूची बनाकर 134 मजदूरों के कार्य करने के बदले 62 मजदूरों से काम कराया था। 72 मजदूरों में से 17 मजदूरों का कथन कराया गया जिसमे सभी ने छ: दिन से काम करना बताया था। छ: दिन का भुगतान मस्टर रोल में अंकित तो किया लेकिन वास्तविक कार्यदिवस के अनुरूप मजदूरी का भुगतान नहीं किया बल्कि शासकीय धन की राशि में हेराफेरी फर्जी मस्टर रोल तैयार कर गवन कर लिया। जिसकी शिकायत होने पर तत्कालीन कलेक्टर ने जांच  डिप्टी कलेक्टर आरपी देवांगन को सौपी गई थी। इन्होने आदिवासी प्रशासक परियोजना विकासखण्ड कुसमी के द्वारा जांच कर प्रतिवेदन दिया गया। जिसमे आरोप प्रमाणित होने पर दोनों आरोपियों के विरूद्ध पूर्व पीठासीन अधिकारी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 467/34, 471/34, 477 क/34, 420/34, 406/34, 409/34 एवं धारा 6 मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम 1982 के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कर न्याय के लिए जिला एवं प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सीधी के कोर्ट में पेश किया गया जहां अपर लोक अभियोजक द्वारा कई गवाहों को पेश किया गया जहां दोनों आरोपियों पर लगाये गये आरोप प्रमाणित सावित हुए। जिस पर न्यायालय ने धारा 467 में पांच वर्ष का सश्रम कारावास 15 सौ रूपये का अर्थदण्ड, धारा 471 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एक हजार का अर्थदण्ड, धारा 477 में तीन वर्ष का सश्रम कारावास एक हजार का अर्थदण्ड, धारा 420 में तीन वर्ष का सश्रम कारावास एक हजार का अर्थदण्ड, धारा 409 में पांच वर्ष का सश्रम कारावास 15 सौ रूपये का अर्थदण्ड, धारा 6 मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1982 का अपराध सावित होने पर तीन वर्ष का सश्रम कारावास एक हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। सभी सजाये एक साथ भुगताये जाने का फैसला प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश डीएल सोनिया ने सुनाया है।
 

Created On :   20 Feb 2020 3:16 PM IST

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