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महाराष्ट्र में 97,640 मतदान केंद्रों की संख्या और बढ़ी, वोट डालने दिव्यांगो को लाइन में नहीं रहना होगा खड़ा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मतदान के लिए लोगों को ज्यादा दूरी न तय करनी पड़े इसके लिए चुनाव आयोग ने मतदान केंद्रों की संख्या में और बढ़ोतरी की है। आगामी लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में दो हजार से अधिक मतदान केंद्र बढ़ाए गए हैं। अब राज्य में कुल मतदान केंद्रों की संख्या 97 हजार 640 हो गई है। पांच वर्षों के दौरान राज्य में मतदान केंद्रों की संख्या में 6311 की बढ़ोतरी हुई है।
नाशिक में 247 मतदान केंद्र
नाशिक में 274 मतदान केंद्र बढ़ाए गए हैं। पुणे में 237 और ठाणे में 227 मतदान केंद्र बढ़े हैं। हालांकि सिंधुदुर्ग में एक भी मतदान केंद्र नहीं बढ़ाया गया है। आमतौर पर 1 हजार 400 मतदाताओं पर 1 मतदान केंद्र बनाया जाता है। पिछलों दिनों मतदाताओं को अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल कराने की अवधि बढ़ाई गई थी। इसमें मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी से मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ी है। इस बार के लोकसभा चुनाव के लिए पहले 95 हजार 473 मतदान केंद्र बनाने की योजना थी। लेकिन वोटरों की संख्या बढ़ने से नए 2 हजार 167 मतदान केंद्र बढ़ाए गए हैं। यानि अब राज्य में कुल 97हजार 640 मतदान केंद्र होंगे।
वर्ष 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में कुल 64 हजार 508 मतदान केंद्र थे, जबकि वर्ष 2009 में इनकी संख्या बढ़कर 83 हजार 986 हो गई। 2014 के लोकसभा चुनाव में मतदान केंद्रों की संख्या 91 हजार 329 हो गई थी। केंद्रीय चुनाव आयोग की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रत्येक मतदान केंद्र में कम से कम आठ प्रकार की मूलभूत सुविधाएं होनी चाहिए। इसमें पेयजल, शौचालय, बिजली की आपूर्ति, प्रकाश, व्हील चेयर, दिव्यांग लोगों के लिए रैंप और फर्नीचर जैसी सुविधाएं शामिल हैं। सुदूर क्षेत्रों के मतदान केंद्रों पर विशेष ध्यान रखा जाएगा।
इस तरह बढ़ी मतदान केंद्रों की संख्या
वर्ष मतदान केंद्र
2004 64 हजार 508
2009 83 हजार 986
2014 91 हजार 329
2019 97 हजार 640
वोट डालने के लिए दिव्यांगो को लाइन में खड़ा नहीं रहना पड़ेगा
उधर दिव्यांग वोटर वोट डालने से वंचित न रहे, इसलिए नागपुर जिला निर्वाचन कार्यालय ने जिले के दिव्यांग वोटरों के लिए विशेष सुविधा उपलब्ध कराई है। दिव्यांग वाेटरों के लिए 438 व्हिल चेयर की व्यवस्था करने के साथ ही जरूरत पड़ने पर वाहन की व्यवस्था भी की जाएगी। नेत्रहीन वोटरों के लिए ब्रेल लिपी वोटर स्लिप की व्यवस्था की गई है। दिव्यांगों को वोट डालने के लिए लाइन में खड़ा नहीं रहना पड़ेगा। जिले में नागपुर व रामटेक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है और जिले में कुल 8 हजार 411 दिव्यांग वोटर है। दिव्यांग वोट से वंचित न रहे, इसलिए हेल्पलाइन शुरू की गई है। पीडब्ल्यूडी एप्प पर दिव्यांग वोटर अपने लिए सुविधा मांग सकता है। दिव्यांग वोटर को घर से पोलिंग बूथ तक लाने व ले जाने सुविधा मिलेगी। भारत चुनाव आयोग व सुप्रीम कोर्ट की सूचना पर सभी प्रकार के दिव्यांग (विकलांग भी) वोटरों को जरूरी सुविधा उपल्बध कराना जरूरी है। नेत्रहीन या शारीरिकरूप से अनफीट वोटर जो चुनाव चिन्ह पहचान नहीं सकता, ऐसे वोटरों को चुनाव अधिकारी की अनुमति से सहायक दिया जाएगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी मुदगल ने बताया कि 8 हजार 411 दिव्यांग वोटरों को घर से पोलिंग बूथ तक लाने ले जाने के लिए 438 व्हिल चेयर की व्यवस्था की गई है। 1 हजार 70 नेत्रहीन, 953 कर्णबधीर, 4 हजार 855 अस्थिव्यंग व 1 हजार 533 विकलांग वोटरों का पंजीयन हुआ है। विधान सभा क्षेत्र के अनुसार सबसे ज्यादा दिव्यांग वोटर उमरेड में 1 हजार 333 व रामटेक विधान सभा क्षेत्र में 1 हजार 118, काटोल में 858, सावनेर-757, हिंगणा -817, दक्षिण- पश्चिम नागपूर -530, दक्षिण नागपूर -497, पूर्व नागपूर -456, मध्य नागपूर -338, पश्चिम व उत्तर नागपूर में 451-451 व कामठी में 832 दिव्यांग वोटर हैं।
दिव्यांग वोटरों को ये सुविधा भी
दिव्यांग वोटरों को लाइन में खड़ा नहीं रहना पड़ेगा। नेत्रहीनों के लिए ब्रेल लिपि वोट स्लिप, डमी मतदान पत्र (बॅलेट पेपर), अल्पदृष्टी दिव्यांग के लिए मैग्नीफाइंग ग्लास, मैग्नीफाइंग शिट सामग्री। मंागने पर व्हिलचेअर की व्यवस्था की जाएगी। वाहन व्यवस्था। नजर रखने के लिए एक सुपरवाइजर व निरीक्षक भी नियुक्त किया जाएगा। दिव्यांगों में जनजागृति के लिए यशवंत स्टेडियम, धंतोली में विकलांग मतदाता सहायता केंद्र स्थापित किया गया है।
Created On :   2 April 2019 9:24 PM IST