रेलवे, बिजली कंपनियों को अदा करे 964.33 करोड़ रुपए

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रेलवे, बिजली कंपनियों को अदा करे 964.33 करोड़ रुपए



डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र विद्युत नियामक आयोग ने अपने एक िनर्णय में पश्चिम मध्य रेलवे को निर्देशित किया है िक वे बिजली कंपनियों को 964.33 करोड़ रुपए का तुरंत भुगतान करें। यह राशि नवंबर 2019 तक की है। जो अब करीब 15 सौ करोड़ रुपए तक पहुँच गई है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पश्चिम मध्य रेलवे ने जनवरी 2016 में मप्र की बिजली कंपनियों से बिजली खरीदने का अनुबंध तोड़कर निजी उपक्रमों से खुले बाजार से बिजली खरीदी, लेकिन अनुबंध तोडऩे और खुले बाजार से बिजली खरीदने की स्थिति में देय क्रास सब्सिडी चार्ज व अतिरिक्त सरचार्ज तीनों बिजली कंपनियों को भुगतान नहीं किया गया है। इससे वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 नवंबर तक यानी पिछले 5 साल में यह राशि 964.33 करोड़ रुपए होती है। बताया जाता है कि बिजली कंपनियाँ रेलवे राशि का भुगतान करने रेलवे को लगातार विद्युत देयक भेज रही हैं। वहीं रेलवे द्वारा यह कहकर राशि देने से इनकार किया जा रहा है कि वह भी एक सरकारी उपक्रम है और कंपनियों के उपभोक्ता भी नहीं रहे हैं।
इनका कहना है-
बिजली कंपनियों में सामंजस्य नहीं है। मप्र पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी व एसएलडीसी ने वितरण कंपनियों की अनदेखी की है और नियामक आयोग से अनुमति भी प्राप्त नहीं की है।
राजेंद्र अग्रवाल, पूर्व अतिरिक्त मुख्य अभियंता

निजी क्षेत्र से बिजली लेने के बाद रेलवे वितरण कंपनियों का उपभोक्ता नहीं है, इसलिए किसी प्रकार का चार्ज देने बाध्य नहीं है। नियामक आयोग के निर्णय के खिलाफ रेलवे एनर्जी मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के माध्यम से विद्युत अपीलीय प्राधिकरण में अपील दायर की जाएगी।
राहुल जयपुरियार, सीपीआरओ, पमरे

Created On :   21 May 2021 9:47 PM IST

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