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सेंट्रल जेल के 80 फीसदी कैदी होंगे रिहा, एक को कोरोना होने की उड़ी थी अफवाह- रहे क्वारंटाइन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना के संक्रमण का डर जेल में बंद कैदियों को भी सताने लगा है। वह जेल की सलाखों के पीछे से छूटकर अपनों के बीच रहना चाहते हैं। सूत्रों से मिलीजानकारी के अनुसार नागपुर की सेंट्रल जेल ने 80 फीसदी कैदियों की रिहाई की सूची तैयार कर सरकार को भेज दी है। सरकारी आदेश आते ही जेल से कैदियों को छोडने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। इस बारे में कुछ कैदियों के मन में नाराजगी है। उनका कहना है कि उन्हें जानबूझकर नहीं छोडा जा रहा है। जेल प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि जो शातिर अपराधी है, उन्हें जेल में रखा जाएगा। उन्हें किसी भी कीमत पर जेल से रिहाई नहीं मिलेगी। इस जेल में कुख्यात अपराधी संतोष आंबेकर व मकोका के कई अपराधी बंद है।
पैरोल पर छोडे गए कैदियों काे आना होगा वापस
जेल से पैरोल पर छोडे गए कैदियों को उनका पैरोल खत्म होते ही जेल में वापस आना होगा। पैरोल का समय करीब 45 दिन का होता है। यह विभागीय आयुक्त के आदेश पर मिलता है। उसके बाद ही कैदी को जेल से छोडा जाता है। उन्हें किसी भी तरह से पैरोल खत्म होने पर जेल में वापस आना है, जो कैदी वापस नहीं आएंगे। उन्हें फरार या भगौडा घोषित कर दिया जाएगा।
आधे से ज्यादा खाली हो जाएगी जेल
सरकार के पास नागपुर की सेंट्रल जेल से कैदियों को रिहा किए जाने की लंबी सूची भेजी गई है। अगर सरकार की ओर से इस सूची को मंजूरी मिल जाती है तो नागपुर की सेंट्रल जेल से करीब 80 प्रतिशत कैदी रिहा हो जाएंगे। कोरोना का कहर खत्म होने के बाद इन कैदियों को वापस जेल भी आना है। जो कैदी जेल वापस नहीं आएंगे तो उन्हें फरार घोषित कर दिया जाएगा। रिहा होने वाले कैदियों में ज्यादातर उन कैदियों का समावेश है जिनको 7 वर्ष से कम की सजा हुई है। इन कैदियों की रिहाई के बाद जेल आधे से ज्यादा खाली हो जाएगी।
क्षमता से अधिक कैदी
सेंट्रल जेल में इन दिनों क्षमता से अधिक कैदी हैं। इन कैदियों में कुख्यात अपराधी, गैंगस्टर और अन्य तरह के अपराधियों का समावेश है। कोरोना के संक्रमण काे देखते हुए राज्य सरकार ने जेल में बंद कैदियों को रिहा करने का निर्णय लिया है। यह रिहाई एक समय तक के लिए दी जाएगी। उसके बाद उन्हें दोबारा जेल में वापस आना है।
कैदी को कोरोना होने की उड़ी अफवाह
सेंट्रल जेल में बंद एक कैदी को तेज बुखार था। किसी ने उसे कोरोना का रोगी बता दिया। फिर क्या था पूरी जेल में अफवाह फैल गई कि एक कैदी को कोरोना हो गया है। जेल प्रशासन भी सकते में आ गया। जेल प्रशासन ने इस कैदी को जेल के अस्पताल में भर्ती किया। उसे सर्दी के साथ बुखार भी हो गया । तब उसे मेडिकल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया, जहां पर उसका कोरोना की जांच कराई गई। उसकी रिपोर्ट निगेटिव आने पर जेल के अधिकारियों- कर्मचारियों के अलावा दूसरे कैदियों ने भी राहत भरी सांस ली। खासकर वह कैदी जो इस बीमार कैदी के बैरेक में थे।
आरोपियों को जेल कर्मी कर रहे क्वारंटाइन
जेल में बाहर से आने वाले कैदियों पर फिलहाल राेक लगा दी गई है। जेल में दो क्वारंटाइन सेल बनाया गया है, जहां पर स्थानीय आरोपी या कैदी के बाहर से अाने पर उसे सैनिटाइजर करने के बाद जेल के बैरक में रखे जाने के बजाय जेल में बने क्वारंटाइन सेल में रखा जाता है। ऐसे आनेवाले कैदियों या आरोपियों की संख्या भी काफी कम है। पहले 15 दिनों तक एक क्वारंटाइन में बाहर से आने पर रखा जाता है। 15 दिन के बाद दूसरे क्वारंटाइन सेल में उसे रखा जाता है। उसके बाद वैद्यकीय जांच कर उसे बैरक में भेजा जाता है।
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सूची तैयार कर भेजा है
जेल प्रशासन ने उन कैदियों और आरोपियों की सूची तैयार कर सरकार के पास भेजी है, जिन्हें जेल से रिहा किया जा सकता है। जेल से सरकार किसे रिहा करने का आदेश देती है। यह तो सरकार का निर्णय रखेगा। उसी के आधार पर जेल से कैदियों की रिहाई की जाएगी। वैसे हमने 80 फीसदी कैदियों के रिहाई करने की सूची तैयार की है।
अनूप कुमरे, अधीक्षक, सेंट्रल जेल नागपुर शहर
Created On :   31 March 2020 5:26 PM IST