8 अस्पतालों ने नहीं दी फॉयर ऑडिट रिपोर्ट, सीएमएचओ को लिखा पत्र

8 अस्पतालों ने नहीं दी फॉयर ऑडिट रिपोर्ट, सीएमएचओ को लिखा पत्र
कार्यवाही करने का अधिकार स्वास्थ्य विभाग को 8 अस्पतालों ने नहीं दी फॉयर ऑडिट रिपोर्ट, सीएमएचओ को लिखा पत्र

डिजिटल डेस्क,कटनी। जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भीषण अग्निकांड के बाद भी शहर के निजी अस्पताल फॉयर ऑडिट रिपोर्ट देने में  लापरवाही बरत रहे हैं। भौतिक सत्यापन के बाद 10 अगस्त को प्रशासन ने 4 अस्पतालों में मरीजों की भर्ती और इलाज पर रोक लगाते हुए 21 को नोटिस जारी किया है, वहीं नगर निगम ने भी हाल ही में फॉयर ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं करने पर 8 अस्पतालों के विरुद्ध सीएमएचओ से एक्शन लेने का उल्लेख पत्र में किया गया है। पत्र में कहा गया है कि बार-बार नोटिस देने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन इस मामले में गंभीरता नहीं बरते रहे हैं। जिससे इन अस्पतालों में कड़ी कार्यवाही करने की जरुरत है। सूची में शहर के वे बड़े अस्पताल हैं, जहां पर हाल ही में फॉयर एण्ड इलेक्ट्रिकल ऑडिट के सत्यापन में टीम को माइनर गलतियां मिली थी।

इन्होंने बरती लापरवाही

सत्यापन टीम को भले ही इन सभी अस्पताल संचालकों ने फॉयर ऑडिट रिपोर्ट दिखा दी हों, लेकिन नगर निगम के मामले में लापरवाही बरत रहे हैं। धर्मलोक, दुर्गा, पुष्पांजलि, वर्धमान, चांडक, माधवशाह, स्टार रिकवरी और बजाज मेटरनिटी अस्पतालों पर कार्यवाही करने की बात ननि द्वारा कही गई है। नगर निगम के अफसरों का कहना है कि अस्पतालों में कार्यवाही करने का अधिकार स्वास्थ्य विभाग को ही है। यदि किसी अस्पताल में अग्निसुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं तो वे स्वास्थ्य विभाग को पत्र ही लिख सकते हैं।

तीन दिन का ही बचा समय

6 अगस्त के परिपालन में जिन चार अस्पतालों पर मरीजों के इलाज और भर्ती पर रोक है। उनके लिए सुधार का समय 20 अगस्त तक ही है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि फिलहाल जो सुधार की रिपोर्ट अस्पतालों ने दी है। उस रिपोर्ट के आधार पर टीम से भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। सत्यापन के बाद ही आगे की कार्यवाही होगी। वर्तमान समय में फिलहाल रबर फैक्ट्री रोड स्थिति नवजीवन हॉस्पिटल, नई बस्ती स्थित रंजन हॉस्पिटल, रुपा लालवानी नर्सिंग होम और विजय मैमोरियल हॉस्पिटल के लाइसेंस को होल्ड में रखा गया है।

सख्ती के निर्देश

प्रशासन ने साफ तौर पर यह निर्देश दिए हैं कि समय सीमा के बाद भी यदि कमियों को दूर नहीं किया गया तो लाइसेंस निरस्त भी किया जा सकता है। प्रशासन ने 21 अस्पतालों को भी सुधार का मौका दिया है। 20 अगस्त के बाद प्रशासन फिर से शहर के निजी अस्पतालों का औचक निरीक्षण करेगी। सीएमएचओ डॉ.प्रदीप मुडिय़ा का कहना है कि फिलहाल निजी अस्पतालों की कार्यवाही पर स्वास्थ्य विभाग नजर बनाए हुए है। समय-सीमा के बाद नियमों का पालन नहीं करने वाले अस्पतालों के विरुद्ध एक्शन लिया जाएगा।
 

Created On :   18 Aug 2022 2:14 PM IST

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