७५० केवी के जनरेटर तोड़ रहे दम, जिला अस्पताल में ब्लैक आउट के हालात

750 kv generators are breaking, blackout situation in district hospital
७५० केवी के जनरेटर तोड़ रहे दम, जिला अस्पताल में ब्लैक आउट के हालात
छिंदवाड़ा ७५० केवी के जनरेटर तोड़ रहे दम, जिला अस्पताल में ब्लैक आउट के हालात

डिजिटल डेस्क,   छिंदवाड़ा। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल में ब्लैक आउट की स्थिति बनी हुई है। बारिश के चलते विद्युत आपूर्ति बंद होने पर अस्पताल के वार्डों में अंधेरा छा जाता है। सोमवार रात विद्युत आपूर्ति बंद होने से इमरजेंसी यूनिट में टॉर्च की रोशनी में मरीजों को इलाज दिया गया। दरअसल मेडिकल कॉलेज द्वारा अस्पताल की नई बिल्डिंग के लिए १७ जून २०२० में ७५० केवी के दो जनरेटर इंस्टाल करा रखे हैं। मेंटेनेंस न होने और डीजल न मिलने से समय पर जनरेटर शुरू नहीं होते।
नई बिल्डिंग में विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की जवाबदारी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की है। एक हजार लीटर की क्षमता वाले जनरेटर में प्रतिघंटा १५० लीटर डीजल की खपत है। जिला अस्पताल प्रबंधन के पास डीजल के लिए बजट नहीं है। सीएस डॉ. शिखर सुराना ने डीजल की पूर्ति और समय पर मेंटेनेंस के लिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से कई बार पत्राचार कर चुके है। इसके बाद भी व्यवस्था नहीं बन पाई है।
एक ट्रांसफार्मर ठप, तीन माह में नहीं कराया मेंटेनेंस-
विद्युत आपूर्ति के लिए जिला अस्पताल परिसर में ३३ केवी सब स्टेशन में दो ट्रांसफार्मर लगे है। इनमें से एक ट्रांसफार्मर पिछले तीन माह से तकनीकि खराबी के चलते बंद है। एक ट्रांसफार्मर की मदद से जिला अस्पताल में विद्युत सप्लाई की जा रही है। इस ट्रांसफार्मर में तकनीकि खराबी आती है तो जिला अस्पताल में मेडिकल कॉलेज की तरह ब्लैक आउट की स्थिति बन जाएगी।
९० हजार का उधार डीजल लाकर बनाई व्यवस्था-
विद्युत आपूर्ति बंद होने पर जनरेटर के लिए आरकेएस (रोगी कल्याण समिति) द्वारा डीजल की व्यवस्था बनाई जा रही है। आरकेएस के पास अतिरिक्त बजट न होने से पिछले तीन से चार माह में डीजल की लगभग ९० हजार रुपए की उधारी हो चुकी है।
एक ऑपरेटर के हवाले सब स्टेशन-
अस्पताल में लगे ३३ केवी सबस्टेशन एक ऑपरेटर के हवाले है। सब स्टेशन में आठ इलेक्ट्रिशियन और दो इंजीनियरों की नियुक्ति की जानी है। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा सब स्टेशन के लिए दो साल में भर्ती नहीं की जा सकी है।
क्या कहते हैं अधिकारी-
जनरेटर का मेंटेनेंस और डीजल की व्यवस्था मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को कराना है। डीजल के लिए आरकेएस के पास अतिरिक्त बजट नहीं है। आरकेएस उधारी में डीजल भरवा रहा है। बजट और मेंटेनेंस के लिए डीन से पत्राचार किया गया है।

Created On :   13 July 2022 3:43 PM IST

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