एक साल में लापता हुए 7310 बच्चे

7310 children went missing in Maharashtra in one year
एक साल में लापता हुए 7310 बच्चे
महाराष्ट्र एक साल में लापता हुए 7310 बच्चे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । महाराष्ट्र मे पिछले एक साल के दौरान 7310 बच्चे लापता हो गए। इसके अलावा 3716 बच्चे राज्या की विभिन्न बाल संरक्षण संस्थाओं में रह रहे हैं। गृहराज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के हवाले से बताया कि महाराष्ट्र में पिछले तीन सालों में कुल 22,514 बच्चे लापता हुए। एक सवाल के लिखित जवाब में मंत्री ने लोकसभा में बताया कि 2020 में देशभर में कुल 108234 बच्चे लापता हुए। इससे पहले 2019 में भी 118364 और 2018 में 115656 बच्चे गायब हुए। उन्होंने बताया कि देशभर में कुल 2215 बाल देखभाल संस्थाएं चल रही हैं। जिनमं कुल 77615 बच्चे रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि महिला एंव बाल विकास मंत्रालय के तहत बाल संरक्षण सेवा योजना चलाई जाती है। जिसमें कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे बच्चों को सहायता और सुरक्षा दी जाती है। हालांकि उऩ्होंने फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों के बारे में जानकारी देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह जानकारी एनसीआरबी द्वारा रखी नहीं जाती है

भीख मांगने वाले बच्चों के डीएनए सर्वेक्षण का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं : टेनी

उधर केन्द्र सरकार ने कहा है कि सड़कों पर भीख मांगने वाले बच्चों के डीएनए सर्वेक्षण का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। यह जानकारी केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ ने मंगलवार को लोकसभा में भाजपा सांसद अरविंद शर्मा के एक सवाल के लिखित जवाब में दी। शर्मा ने पूछा था कि क्या सरकार सड़कों पर भीख मांगने वाले बच्चों के डीएनए सर्वेक्षण पर विचार कर रही है ताकि अवैध व्यापार किए गए बच्चों को उनके जैविक माता पिता से मिलाने के लिए कदम उठाए जा सकें। गृह राज्य मंत्री ने बताया कि भारत के संविधान की सातवीं अनुसूचि के तहत ‘पुलिस’ और ‘लोक व्यवस्था’ राज्य के विषय हैं। बच्चों के प्रति अपराध की जांच एवं अभियोजन सहित कानून व्यवस्था बनाए रखने और नागरिकों की जान की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों की होती है, जो कानून के मौजूदा प्रावधानों के अंतर्गत ऐसे अपराधों से निपटने के लिए सक्षम हैं। उन्होने कहा कि मानव तस्करी के अपराध और बच्चों के प्रति अपरध की रोकथाम करना और उनसे निपटना एक सतत और विकसित होने वाली प्रक्रिया है, जिसमें प्रौद्योगिकी के विभिन्न पहलू और विभिन्न स्टेकहोल्डरों की ओर से अन्य प्रयास शामिल हैं। अजय मिश्रा ने बताया कि डीएनए सर्वेक्षण पर कोई विशेष प्रस्ताव गृह मंत्रालय में विचाराधीन नहीं है। हालांकि भारत सरकार तस्करी के अपराध की रोकथाम और उससे निपटने वाली अवसंरचना की स्थापना और उसके सुदृढ़ीकरण के लिए राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
 

Created On :   8 Feb 2022 9:26 PM IST

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