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शहर में 53 तो गांव में करीब 64 प्रतिशत मतदाताओं ने दिखाई रूचि
डिजिटल डेस्क दमोह। विधानसभा उपचुनाव में 2018 के मुकाबले 15 प्रतिशत तक कम हुई वोटिंग ने प्रत्याशियों को परेशानी में डाल दिया है। दोनों ही मुख्य प्रत्याशियों को बंपर वोटिंग की उम्मीद चुनाव के पहले थी, लेकिन कोविड के साये में यह आंकड़ा 60 प्रतिशत को भी नहीं छू सका। शनिवार को जारी हुआ टेंटेटिव आंकड़ा 59.81 प्रतिशत भी रविवार को कम होकर 59.5 फिक्स हो गया हैं। ऐसे में तय है कि बड़ी संख्या में मतदाताओं ने मतदान से तौबा किया है। स्थानीय निर्वाचन अधिकारियों के अनुसार ईसीआई ने उपचुनाव में मतदान के आंकड़ों को पब्लिक के लिए इस बार नहीं रखा है। ऐसे में दमोह विधानसभा की बूथ वाइस रिपोर्ट अब तक सामने नहीं आ सकी है। जिसका लोगों को इंतजार है। शहर में जहां करीब 53 फीसदी मतदान होने की जानकारी है तो ग्रामीण क्षेत्र में 64 प्रतिशत तक मतदान की खबर है।
ऐसे समझें वोटिंग का गणित
निर्वाचन द्वारा भले ही पोलिंग वाइस जानकारी साझा नहीं की जा रही हो, लेकिन भास्कर ने सूत्रों से जुटाएं आंकड़ों ने वोटिंग के गणित को सामने लाया है। बता दें कि शहर में करीब 97 हजार वोटर्स है। जिनके लिए 138 मतदान केंद्र बनाए गए थे। इन मतदान केंद्रों पर करीब 50 से 51 हजार की मत पड़े हैं। ऐसे में 53 प्रतिशत शहर में होना माना जा सकता है। दमोह उपनगर और गांव को मिलाकर करीब 1 लाख 43 मतदाता है। इनके लिए 221 मतदान केंद्र बनाए गए थे। जहां करीब 91 से 92 हजार मत पड़े हैं। इस तरह यहां करीब 64 प्रतिशत मतदान माना जा रहा है। शहर के 50 से 51 और गांव के 91 से 92 हजार करीब मतों को जोड़ते तो 1 लाख 42 हजार के करीब मत होते हैं। जो कुल मतदाता 2 लाख 39 हजार 808 का 59.5 प्रतिशत है। यानि इतने प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया है।
पुरुषों ने दिखाई दिलचस्पी, महिलाएं कम निकलीं
भीषण गर्मी और कोरोना के साये में शनिवार को हुए मतदान में इस बार महिलाओं की अपेक्षा पुरुष अधिक वोट करने पहुंचे। जानकारी के अनुसार इस बार 82 हजार के करीब पुरुषों ने मतदान किया, जबकि 60 हजार से अधिक महिलाओं ने वोट डाले। इस तरह मतदान करने में महिलाओं का प्रतिशत महज 53 प्रतिशत रहा तो पुरुष 13 प्रतिशत अधिक यानि 66 प्रतिशत मतदान रहा। दमोह विधानसभा में कुल 1 लाख 42 से 43 हजार के बीच में ही मतदान हुआ है। जबकि करीब 97 हजार मतदाता अपने घरों से ही नहीं निकले।
ेकम मतदान किस पर पड़ेगा भारी
दमोह विधानसभा में इससे पहले इतना कम मतदान प्रतिशत नहीं रहा है। 2008 चुनाव में 68, 2013 में 72 तो 2018 चुनाव में करीब 75 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि इस बार आंकड़ा 60 प्रतिशत भी नहीं छू सका। बीते साल हुए 28 सीटों के उपचुनाव में भी अ"छी वोटिंग हुई थी। उपचुनाव को लेकर लोगों में उत्साह भी कम देखा गया था। जबकि कोरोना से खराब होती स्थिति को लेकर लोगों में वैसे भी राजनीतिक दलों के विरुद्ध आक्रोश था। ऐसे में फिलहाल लोग यह गुणाभाग लगाने में जुटे हुए है कि कम मतदान किस पर भारी पड़ेगा? जो 2 मई को स्पष्ट हो जाएगा।
Created On :   18 April 2021 11:48 PM IST