5 टेलीफोन लाइनें, इंटरनेट, सर्वर ठप - बगैर कनेक्टिविटी के मचा हड़कंप

5 telephone lines, internet, server stalled - stir without connectivity
5 टेलीफोन लाइनें, इंटरनेट, सर्वर ठप - बगैर कनेक्टिविटी के मचा हड़कंप
5 टेलीफोन लाइनें, इंटरनेट, सर्वर ठप - बगैर कनेक्टिविटी के मचा हड़कंप

डिजिटल डेस्क जबलपुर । निजी तथा सरकारी अस्पतालों, संक्रमितों के साथ-साथ अन्य सभी विभागों के बीच तालमेल बैठाए रखने के लिए बनाया गया कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर पूरी तरह सभी से कटा रहा। तकरीबन साढ़े तीन घंटे तक न तो टेलीफोन की पाँचों लाइनों में डायल टोन आई और न ही इंटरनेट को कनेक्टिविटी मिल पाई। सबसे ज्यादा मुसीबत उन संक्रमितों और परिजनों की रही जो किसी न किसी जरूरत से कंट्रोल रुम से जुडऩा चाह रहे थे। बहरहाल, शाम 5:30 बजे कनेक्टिविटी हासिल हो पाई, तब कहीं जाकर हालात सामान्य हो पाए।  दमोहनाका स्थित कोविड कंट्रोल रूम में रोज की तरह कामकाज सामान्य तौर पर चल ही रहा था कि सोमवार को दोपहर तकरीबन 2:30 बजे अनाचक पूरे सिस्टम ठप पड़ गए। कर्मचारियों ने इसकी खबर आला अफसरों को करनी चाही तो पता चला कि टेलीफोन लाइनें भी बंद हो चुकी हैं। कुल मिलाकर हॉस्पिटल में ऑक्सीजन खत्म होने जैसे हालात बन गए, क्योकि सेंटर के लिए कनेक्टिविटी ही सब कुछ है। टेलीकॉम कंपनी को खबर की गई, लंबे सुधार के बाद कनेक्टिविटी हासिल हो पाई। 
24 घंटे  वर्किंग, हर रोज 2000 से ज्यादा कॉल्स7 चौबीस घंटे की शिफ्ट और पूरे संभाग से आने वाले फोन कॉल्स को इसी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से गाइड किया जाता है। अस्पतालों में बेड की स्थिति, ऑक्सीजन के अलावा होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों की सेहत में आने वाले उतार-चढ़ाव को यहीं से मार्गदर्शन दिया जाता है। 
ऐसे सवालों का नहीं मिला जवाब 
* परिजन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है, रिपोर्ट नहीं आई ऐसे में उनका संस्कार कैसे किया जाए? 
* 5 दिनों पहले कोविड टेस्ट कराया गया था, लेकिन रिपोर्ट अभी तक हासिल नहीं हो पाई है। 
* हॉस्पिटल में ऑक्सीजन खत्म हो गई है, डॉक्टरों से शिकायत पर भी सुनवाई नहीं हुई, जल्दी मदद भेजिए। 
* बाजू में पडोसी परिवार कोविड संक्रमित हो गया है लेकिन निगम से कोई सेनिटाइज करने नहीं पहुँचा। 
* हमारे परिजन को रेमडेसिविर इंजेक्शन की सख्त जरूरत है, मार्केट में मिल नहीं रहे, कैसे हासिल होंगे?
* अस्पताल वाले कह रहे हैं कि मरीज ठीक हो गया घर ले जाइए, जबकि हम अभी खतरा नहीं उठाना चाहते, क्या करें?
* आपने तो 15 बेड खाली बताए, अस्पताल वाले फुल कह रहे हैं, मरीज को अब कहाँ भर्ती कराने लेकर जाएँ?
 

Created On :   4 May 2021 2:04 PM IST

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