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नौकरी दिलाने के नाम पर 179 बेरोजगारों के साथ 42 लाख रुपए की ठगी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के नाम पर करीब 42 लाख रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। ठगी करने वाला बुटीबोरी का स्ट्रांग सिक्योरिटी का संचालक ज्ञानेश्वर लोहावे है। आरोपी ने 179 उम्मीदवारों से 30-30 हजार रुपए लिए हैं। पीड़ितों ने आरोपी को गिरफ्तार कर रकम वापस दिलाने की मांग की है। लोहावे पर आरोप है कि उसने बेरोजगारों को विदर्भ के प्राथमिक आरोग्य केंद्र में सुरक्षा रक्षक पद पर भर्ती कराने के लिए रुपए लिए हैं। उसने पंजीयन के नाम पर भी 300 रुपए अलग से लिए हैं। रुपए लेने के बाद उसने किसी को नौकरी नहीं दिलाई। पुलिस अधिकारियों ने आरोपी को बुटीबोरी थाने में बुलाया था, तब उसने रकम वापस करने का आश्वासन दिया था, लेकिन 2 माह बीत जाने के बाद भी किसी की रकम नहीं लौटाई और पुलिस ने भी कार्रवाई नहीं की। यह जानकारी पत्रकार भवन में आयोजित पत्र परिषद में सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी पुरुषोत्तम सोनेकर ने दी।
सुरक्षा रक्षक की नौकरी दिलाने के नाम पर ऐंठी रकम
पत्र परिषद में बताया गया कि ज्ञानेश्वर लोहावे ने नागपुर, वर्धा, भंडारा, गोंदिया, चंद्रपुर और गड़चिरोली जिले के प्राथमिक आरोग्य केंद्र में सुरक्षा रक्षक की नौकरी दिलाने के नाम पर यह ठगी की है। उसकी ठगी का शिकार सोनेकर भी हुए। लोहावे ने एक वर्ष पूर्व सोनेकर की गोंदिया जिले में फिल्ड ऑफिसर के रूप में नियुक्ति कर सुरक्षा रक्षकांे की नियुक्ति का आदेश दिया। इसके अनुसार सुरक्षा रक्षकों की भर्ती शुरू की गई। लोहावे के आदेश पर ही प्रत्येक उम्मीदवार से 30 हजार रुपए और पंजीयन का 300 रुपए शुल्क लिया था। लोहावे ने 13 सुपरवाइजरों को अपना हस्ताक्षर कर लिखित आदेश दिया था। 22 जुलाई 2018 को गोंदिया जिले में तिरोड़ा नामक गांव के कार्यालय में प्रशांत लोहावे व राजू घावडे ने सभी का साक्षात्कार लिया। उस समय पुरुषोत्तम ने 16 लाख रुपए चेक के माध्यम से दिए थे, लेकिन 4 महीने बीत जाने पर भी उम्मीदवारों को नौकरी नहीं मिली।
जब उम्मीदवारों ने सोनेकर से नियुक्तिपत्र की मांग की, तो उन्हें आश्वासन दिया गया कि 20 फरवरी 2019 से सभी उम्मीदवार ड्यूटी पर जाएंगे। जिसे नौकरी नहीं करनी है, उसे 31 मार्च 2019 तक पैसे वापस दे दिए जाएंगे। दो महीने बाद जब किसी को नौकरी नहीं मिली, तब गोंदिया व भंडारा जिले के 58 उम्मीदवार 1 मई को पुलिस स्टेशन बुटीबोरी गए। उसी रात करीब 11 बजे थानेदार ने सोनेकर व राजू को बुलाया। उन्होंने उम्मीदवारों से 41 लाख 60 हजार रुपए लेने की बात कबूल की। सोनेकर व उम्मीदवारों से कहा गया कि वह नियुक्तिपत्र वापस करें। उनकी शर्त नहीं मानी गई। सोनेकर ने उम्मीदवारों को भी आर्डर के दस्तावेज वापस करने से मना कर दिया था। सोनेकर को यह ध्यान में आया कि लोहावे ने उनके साथ और उम्मीदवारों के साथ ठगी की है, तब उन्होंने पुलिस अधिकारियों से मदद मांगी, लेकिन उन्हें मदद नहीं मिली। इसलिए उन्होंने मीडिया के माध्यम से न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि लोहावे पर कार्रवाई नहीं की गई, तो मुख्यमंत्री निवास के सामने आंदोलन किया जाएगा। पत्र परिषद में पीड़ित उम्मीदवार भी उपस्थित थे।
Created On :   24 May 2019 4:05 PM IST