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बंद के आदेश के बाद भी खुले 40 स्कूल
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र इंग्लिश स्कूल ट्रस्टीज (मेस्टा) की नागपुर जिला शाखा ने एसोसिएशन के अंतर्गत आने वाले लगभग 40 स्कूल सोमवार से खुल गए। जबकि राज्य सरकार ने अभी स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए हैं। पहले चरण में शहर व ग्रामीण की दसवीं और बारहवीं कक्षाओं का समावेश रहा। मेस्टा की ओर से सरकार और प्रशासन से स्कूल शुरू करने की मांग की जा रही थी। इस संबंध में राज्यभर में संगठन की ओर से जिलाधिकारी व शिक्षा विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन दिया था। मेस्टा के जिला अध्यक्ष निशांत नारनवरे ने बताया कि सरकार खुद असमंजस है। एजुकेशन एक्सपर्ट और टास्क फोर्स का कहना है कि स्कूल बंद करना कोई उपाय नहीं है। वर्ल्ड बैंक की एजुकेशन विंग का कहना है कि स्कूलों को बंद नहीं किया जाना चाहिए। सिर्फ कुछ लोग राजनीतिक मुद्दा बनाकर बच्चों को मुसीबत में ला रहे हैं।
लिखने और पढ़ने की क्षमता पर पड़ा असर
नारनवरे ने बताया कि दो वर्ष से बच्चे ऑनलाइन क्लास कर रहे हैं। स्कूल शुरू होने के बाद जब बच्चे स्कूल आए, तो हमें महसूस हुअा कि बच्चों की लिखने और पढ़ने की क्षमता पहले के मुकाबले कम हो गई है। जिन बच्चों की रीडिंग स्किल 70 प्रतिशत थी वह अब घटकर 40 प्रतिशत रह गई है। जिन बच्चों की राइटिंग स्किल्स पहले 8 पन्ने तक थी, अब वह 4 तक ही रह गई है। इस वर्ष दसवीं और बारहवीं के बच्चों की ऑफलाइन परीक्षा है। ऐसे में उनकी क्षमता को कम समय में बढ़ाना बहुत ही कठिन है। पहले हमने 8वीं से 12वीं तक के बच्चों की क्लास शुरू करने का विचार किया था। लेकिन पहले चरण में दसवीं और बारहवीं के बच्चों की कक्षाएं शुुरू की हैं। जो अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं, उनसे सहमति-पत्र भी लिया गया। लगभग 40 स्कूलों से बात की और उन्होंने सोमवार को स्कूल भी खोले। महाराष्ट्र के अध्यक्ष डॉ. संजय तार्डे पाटिल से जानकारी मिली है कि सरकार हमें पांच दिन में सकारात्मक निर्णय देने वाली है।
कानूनी कार्रवाई का जवाब देंगे
मेस्टा द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि सरकार उन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई करती है, तो जवाब भी दिया जाएगा। शहर में कक्षा आठवीं से बारहवीं व ग्रामीण मे कक्षा 5वीं व 12वीं तक शाला शुरू करने के लिए ज्ञापन दिया गया था। मेस्टा में शहर की 300 शालाओं के संस्था संचालक सदस्य हैं, जबकि ग्रामीण की 200 से अधिक शालाओं के संस्था संचालक सदस्य हैं।
Created On :   18 Jan 2022 5:16 PM IST