किडनी रोग के 40 फीसदी मरीजों को शुगर, प्रारंभिक चरण में उपचार से मरीज हो सकता है स्वस्थ
डिजिटल डेस्क, नागपुर. किडनी रोग के कुल मरीजों में 40 फीसदी को शुगर होती है। अन्य मरीजों में अलग-अलग कारण होते हैं। शुगर व किडनी विकार का करीबी संबंध होता है, लेकिन हर एक शुगर के मरीज को किडनी की बीमारी होती है, ऐसा नहीं है। रक्त तैयार करना, रक्तदाब नियंत्रित करने के लिए जरूरी घटक तैयार करने का काम किडनी का होता है। शरीर में पानी की मात्रा का नियंत्रण में भी किडनी की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। किडनी में दोष पैदा होने के लक्षण शुरुआत से ही दिखायी देते हैं। कई बार इन लक्षणों की अनदेखी की जाती है। लंबी अवधि बीत जाने के बाद लोग डॉक्टर के पास पहुंचते हैं। यदि जांच व उपचार जल्दी किया गया, तो मरीज अच्छा हो जाता है। ऐसा किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. धनंजय उकलकर ने बताया। वे नेफ्रोलॉजी सोसायटी नागपुर शाखा के पदग्रहण अवसर पर आयोजित चर्चासत्र में बोल रहे थे।
30 फीसदी मरीजों में अनुवांशिक दोष :डॉ. प्रणव झा ने बताया कि, कुछ बीमारियां अनुवांशिक भी होती हैं। 30 फीसदी में किडनी विकार अनुवांशिकता के कारण होता है। ऐसा भी उन्होंने बताया। पैरों में सूजन आना, जी घबराना, सांस फूलना यह किडनी विकार के प्रारंभिक लक्षण हैं। ऐसे में मरीजों को नियमित जांच करवाना चाहिए। दर्दनाशक दवाओं का अधिक सेवन करने से किडनी पर असर होता है। उन्होंेने कहा कि, जीवनभर डायलिसिस का डर बना रहता है, लेकिन एक्यूट किडनी विकार में नियमित उपचार करने पर डायलिसिस बंद हो सकता है। डॉ. श्रृति डांगे ने बताया कि, पेशाब से रक्त आने पर मरीज घबरा जाते है, लेकिन संक्रमण, स्टोन, कैंसर इन कारणों से भी रक्त आ सकता है। डॉ. कपिल सेजपाल के अनुसार पेशाब के मार्ग में बार-बार संक्रमण हो रहा हो तो किडनी की जांच करना चाहिए। डॉ. निकिता गुप्ता ने बताया कि, छोटे बच्चों में भी ऐसी समस्याएं आने पर समय-समय पर जांच व उपचार करवाना चाहिए। सोसायटी की अध्यक्ष डॉ. मोनाली साहू ने बताया कि, हर छह महीने में रक्त की शुगर की जांच करनी चाहिए। कई बार किडनी के लक्षण काफी समय बाद सामने आते हैं, इसलिए समय-समय पर जांच करने पर बीमारी से बचा जा सकता है। इस अवसर पर डॉ. निशांत देशपांडे व डॉ. सूर्यश्री पांडे ने भी अपने विचार रखे। संचालन डॉ. जयराज कोरपे ने किया।
डायलिसिस व प्रत्यारोपण महंगे उपाय : डॉ. उकलकर ने कहा कि किडनी के लिए डायलिसिस व प्रत्यारोपण दोनों की महंगे उपाय हैं, लेकिन प्रारंभिक चरण में ही डॉक्टरों की सलाह ली गई, तो इस खर्च से बचा जा सकता है। शुगर के हर मरीज की किडनी खराब नहीं होती। रक्त की शुगर व रक्तदाब को नियंत्रित रखा गया, तो किडनी स्वस्थ रहती है। सभी बीमारियां अनियंत्रित खान-पान व दिनचर्या से नहीं होती।
Created On :   24 April 2023 7:54 PM IST