300 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहे गन्ना के दाम पर्याप्त : गन्ना आयुक्त

300 Rupees is Enough For Per Quintal Sugarcane Says Commissioner
300 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहे गन्ना के दाम पर्याप्त : गन्ना आयुक्त
300 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहे गन्ना के दाम पर्याप्त : गन्ना आयुक्त

डिजिटल डेस्क नरसिंहपुर । 350 रूपए प्रति क्विंटल की दर से गन्ने का भुगतान किए जाने की मांग की आस पर मंगलवार को पानी फिर गया। भोपाल में प्रदर्शन के बाद बैठक होने के आश्वासन पर पहुंचे गन्ना आयुक्त एमएल मीणा ने कहा कि 300 रूपए प्रति क्विंटल के भाव यदि सुगर मिलें दे रही है, तो यह रिकव्हरी के आधार पर अधिक ही है। उन्होंने कहा कि मुझे जानकारी थी कि यहां दाम 300 से कम दिए जा रहे है, लेकिन स्थिति स्पष्ट हो गई है। इससे अधिक दाम तय करने के लिए मिल मालिक व किसान आपस में तय कर लें, शासन प्रशासन दाम बढ़ाने कोई दबाब बनाने की कार्रवाई नहीं कर सकता।
300 के दाम का सुगर मिल करें पालन
बैठक में गन्ना आयुक्त श्री मीणा ने पिराई सत्र 2017- 18 हेतु सुगर मिलों द्वारा देय उचित एवं लाभकारी मूल्य की जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार ने सुगर मिल द्वारा कृषकों से खरीदे जाने वाले गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य 9.5 प्रतिशत बेसिक रिकव्हरी पर 255 रूपये प्रति क्विंटल घोषित किया है। बेसिक रिकव्हरी में प्रति 0.1 प्रतिशत वृद्धि पर दो रूपये 68 पैसे प्रति क्विंटल अतिरिक्त प्रीमियम की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों कलेक्टर की अध्यक्षता में जो बैठक सम्पन्न हुई थी, उसमें सुगर मिलों द्वारा 300 रूपये प्रति क्विंटल की दर से गन्ना खरीदी की जाना तय हुआ था। इस पर जिले की सभी सुगर मिलें अमल किया जाना सुनिश्चित करें।
किसान संघर्ष समिति ने किया बहिष्कार
कृषि आयुक्त की दो टूक सुनने के बाद किसान संघर्ष समिति के सदस्यों द्वारा विरोध जताते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया। इस दौरान जोरदार नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर बैठकर प्रदर्शन किया गया।
शक्कर के गिर गए दाम
बैठक में सुगर मिल संचालक एवं प्रतिनिधियों द्वारा कहा गया कि वर्तमान में शक्कर के दाम 35 रूपए किलो हो गए है, जिससे 300 रूपए की खरीदी में 20 रूपए क्विंटल से अधिक का नुकसान हो रहा है। इसके बाद भी 300 रूपए के दाम हम किसानों को दे रहे हैं।
शासन करे किसानों की मदद
मिल संचालक विनीत माहेश्वरी ने कहा कि दाम को लेकर कभी जिले में असमंजस नहीं रहा है। इस बार बारिश कम होने की वजह से गन्ना कमजोर होने से कम उत्पादन हो रहा है। गन्ना की फसल पर बीमा एवं अन्य कोई मुआवजा किसानों को नहीं मिलता। वर्तमान स्थिति को देखते हुए यदि गन्ना किसानों को शासन स्तर से कोई मदद मिलना चाहिए।
इथेनाल बनाने मिले अनुमति
गन्ना आयुक्त के समक्ष गन्ने से संबंधित जो तथ्य रखे गये हैं, उनके बारे में शासन स्तर पर अवगत कराया जाएगा। सुगर मिलों ने भी अपनी कुछ समस्याएं गन्ना आयुक्त के समक्ष रखीं। बैठक में कहा गया कि जो सुगर मिल इथेनॉल बनाना चाहती है, उन्हें अनुमति मिले।
यह रहे मौजूद
बैठक में विधायक जालम सिंह पटैल, जिला पंचायत अध्यक्ष संदीप पटैल, अपैक्स बैंक के पूर्व उपाध्यक्ष कैलाश सोनी, मैथिलीशरण तिवारी, पूर्व विधायक सुनील जायसवाल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष देवेन्द्र पटैल, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष लखन पटैल, कलेक्टर अभय वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक राजन, सहायक संचालक गन्ना डॉ. अभिषेक दुबे, अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद थे।

 

Created On :   6 Dec 2017 1:01 PM IST

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