बाणसागर डूब क्षेत्र के पांच गांवों के 300 परिवारों को 19 साल से मुआवजा का इंतजार

300 families of five villages of the area are waiting for compensation for 19 years
बाणसागर डूब क्षेत्र के पांच गांवों के 300 परिवारों को 19 साल से मुआवजा का इंतजार
साल में छह माह पानी के बीच ही कटती है उबरा के लोगों की जिंदगी बाणसागर डूब क्षेत्र के पांच गांवों के 300 परिवारों को 19 साल से मुआवजा का इंतजार

डिजिटल डेस्क,कटनी। बरही तहसील के कुटेश्वर, उबरा, दीघी, पौंड़ी और तिमुआ पांच गांवों के बाणसागर डेम के डूब प्रभावित 300 किसान बीते 19 साल से मुआवजा की मांग कर रहे हैं। चारसाल पहले  यह मामला विधानसभा में भी गूंजा था पर किसानों की झोली खाली ही रह गई। बाणसागर डेम के बैक वाटर में पांच गांवों के किसानों के मकान, खेत, कुआं, पेड़ सब डूब गए थे। तभी किसान मुआवजा की गुहार लगा रहे हैं। जनप्रतिनिधियों के गाहे-ब-बगाहे पहल भी की लेकिन नतीजा शून्य ही रहा। इन गांवों में रहने वाले लोगों के घर और खेत साल में छह माह पानी में ही डूबे रहते हैं।

दो साल बाद इस बार पहली बार बाणसागर डेम पूरा भरा है। जिससे उबरा गांव के विस्थापितों की पूरी बस्ती पानी से घिरी है। लोगों को पानी से होकर आना-जाना करना पड़ता है। बताया गया है कि ग्राम उबरा के 160 किसानों की 63 एकड़ जमीन,वहीं कुटेश्वर के 89 मकान एवं 80 एकड़ जमीन  बाणसागर डेम में डूब गई है। उबरा के किसान रवि तिवारी, ओमप्रकाश तिवारी, दिनेश तिवारी, गोरेलाल चौधरी, मुन्नी बाई जायसवाल, शंकर मिश्रा, शिवम् स्रीवास्तवए हेतराम विश्वकर्मा, दीपक तिवारी, भैयालाल चौधरी, राजभान, संजय बिलौंहा, राकेश राय के अनुसार महानदी के किनारे बसे विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम उबरा सहित कुटेश्वर, पौंड़ी, तिमुआ एवं दीघी  के किसानों की जमीन 2013 के सर्वे में डूब में आई थी। बाणसागर बांध भरने के बाद किसानों की जमीन घर मकान, खेत, कुआं, पेड़ आदि डूब में चले गए। 18 वर्ष से ज्यादा समय होने के पश्चात भी अभी तक सरकार द्वारा किसानों को मुआवजा नहीं दिया जा सका है।

चार साल पहले लगा था शिविर-

जानकारी के अनुसार मुआवजा वितरण को लेकर तीन साल पहले शिविर आयोजित किया गया था। विधानसभा चुनाव के पहले किसानों का असंतोष कम करने 17 जुलाई 2018 एवं 9 सितम्बर 2018 को ग्राम इटौरा में शिविर लगाए गए थे। इस  शिविर में उबरा सहित अन्य गांवों के 300 किसानों के आवेदन सौंपे थे लेकिन यह शिविर भी राजनीतिक स्टंट ही साबित हुए। दिसम्बर 2020 में क्षेत्रीय विधायक संजय पाठक ने मुआवजा का मामला विधानसभा में उठाया था। तब आनन-फानन में मुआवजा के प्रकरण तैयार किए गए लेकिन भुगतान अब तक नहीं हुआ।

दो बार अधिसूचना फिर भी नहीं मिला मुआवजा-

डेढ़ साल पहले 18 मार्च 2021 को बाणसागर परियोजना पक्का बांध देवलौंद शहडोल की ओर से केवल उबरा के किसानों को 66 हैक्टेयर जमीन का मुआवजा स्वीकृत करने धारा 11 के तहत अधिसूचना प्रकाशित की गई थी। इसमें भी किसानों को नक्शा प्लान देखने भू अर्जन कार्यालय सतना बुलाया गया था। जबकि नक्शा प्लान के अवालोकन की सुविधा बरही, विजयराघवगढ़ या जिला मुख्यालय कटनी में भी उपलब्ध कराई जा सकती थी। इसी तरह की अधिसूचना फिर से 11 नवम्बर 2021 को भी प्रकाशित हुई थी पर मुआवजा अब तक नहीं मिला।

इनका कहना है-

बाणसागर के डूब प्रभावित किसानों को मुआवजा स्वीकृति का प्रकरण प्रचलन में है। अवार्ड पारित हो चुका है, बाणसागर परियोजना प्रशासन से राशि की डिमांड की जाएगी, राशि मिलने के बाद भुगतान किया जाएगा।
-महेश मंडलोई, एसडीएम विजयराघवगढ़
 

Created On :   29 Sept 2022 7:23 PM IST

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