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डिंडोरी में TB से अब तक 24 की मौत, सैकड़ों मरीजों का इलाज जारी
डिजिटल डेस्क, डिंडोरी। लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी डिंडोरी जिले में TB (क्षय रोग) पर नियंत्रण नहीं है। पिछले एक वर्ष के दौरान अब तक 24 मौतें हो चुकी है। वहीं 1082 मरीजों की सूची ही विभाग के पास मौजूद है, जबकि जिले के 7 विकासखंडों में TB के सैकड़ों मरीज मौजूद है, जिनकी शिनाख्त भी विभाग नहीं कर सका है। इस मामले में TB अधिकारी का भी मानना है कि आदिवासी बाहुल्य जिले में झाड़फूंक पर लोगों की मनोवृत्ति गहरी बैठी है। जिसके चलते मामला बिगड़ने और अंतिम स्टेज पर पहुंचने के बाद ही मरीजों को अस्पताल लाया जाता है। वहीं TB मरीजों को झाड़फूंक करने वाले डाट्स की दवा से भी वंचित रखते है। ऐसे तीन झाड़फूंक करने वालों को विभाग द्वारा समझाइश भी दी जा चुकी है। यहां बुधवार को एक गंभीर मरीज की मौत के बाद मामला गहराया रहा।
कम मिलता है बजट
अधिकारियों का कहना है कि TB को जड़ से खत्म करने के लिए शासन की अनेक योजनाएं संचालित हो रही है, लेकिन जिले में जो वार्षिक बजट मिल रहा है वह काफी कम है। यहां कुल 32 लाख रुपए का बजट आता है जिसे अब कम भी कर दिया गया है। बजट में जो राशि आती है उसमें अनेक खर्चे जुड़े हुए है, साथ ही दो लाख रुपए माह कर्मचारियों की तनख्वाह भी इसी बजट में शामिल है। शेष राशि में 1.25 लाख रुपए के इंजेक्शन व अन्य सामानों को खरीदना पड़ता है। वैसे इस बजट में प्रतिदिन दो वाहन जिले के विभिन्न विकासखंडों और ग्राम क्षेत्रों में भेजे जाते हैं, जहां मौके पर ही एक्स-रे व बलगम की जांच की जाती है। यह बात सही है कि जिले में अनेक लोग इस रोग से पीड़ित है और समय पर इलाज नहीं करा पा रहे। जिससे हालात बिगड़ने की स्थिति बनी रहती है।
कम हुआ TB
बताया जाता है कि जिले में TB के मरीजों की संख्या साल दर साल कम हुई है। यहां वर्ष 2005 में TB के सर्वाधिक मरीज सामने आए थे जिसमें 26 फीसदी मरीजों की मौत हुई थी। इसके बाद शासन की योजना के तहत लगातार नियंत्रण के प्रयास किए जा रहे है और अब दीनदयाल चलित वाहन से भी TB मरीजों को तलाशे जाने के प्रयास चल रहे है। वर्तमान में TB मरीजों की मौत का आंकड़ा 6 फीसदी पर बना हुआ है। जो शासन के निर्देश से एक फीसदी अधिक है। TB में देश में 5 फीसदी मौत स्वभाविक मानी गई है। ऐसी स्थिति में डिण्डौरी विकासखण्ड में TB के लिए गंभीरता से प्रयास किए गए है, लेकिन यहां कर्मचारियों की कमी भी विभाग के सामने बनी हुई है। जहां जिला मुख्यालय जैसे स्थान पर TB अधिकारी के अलावा अन्य कर्मी मौजूद नहीं है।
गंभीर अवस्था में था युवक
अधिकारियों का कहना है कि विगत दिनों अस्पताल में भर्ती हुए 18 वर्षीय युवक को गंभीर अवस्था में अस्पताल लाया गया था, जिसका वजन भी बमुश्किल 30 किलो के आसपास था। युवक पड़रियाकला समीपस्थ ग्राम धुरकुट का रहने वाला था। अस्पताल में भर्ती हुए युवक की जांच के बाद पता चला कि युवक को TB है और वह अंतिम स्टेज पर है। ऐसी अवस्था में उसे सिर्फ TB की एक खुराक ही दी जा सकी और दूसरी खुराक बुधवार को दी जाना थी, लेकिन सुबह उसकी मौत हो गई।
शव वाहन के लिए इंतजार
TB से पीड़ित युवक विद्या प्रसाद पिता मान सिंह परस्ते 18 वर्ष की बुधवार को सुबह मौत हो गई। जिसके बाद सुबह 8 बजे से शव वाहन के लिए परिजन काफी परेशान रहे और लगभग 5 घंटों के बाद पुलिस तथा जनप्रतिनिधियों के प्रयास के बाद शव वाहन उपलब्ध हो सका और परिजन युवक का शव ले जा सके।
डिंडोरी के TB अधिकारी डॉ केपी कोरी ने कहा कि मामले की जांच मे विभागीय लापरवाही सामने आई है। नए शव वाहन का इंतजार सिर्फ इसलिए किया जा रहा है क्योंकि ये वाहन निजी रूप से सौंपे गए हैं।
Created On :   31 Aug 2017 9:29 AM IST