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नांदूरा तहसील में दो दिनों में 22 और अब तक 302 मवेशियों की मौत
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डिजिटल डेस्क, नांदूरा. तहसील के किसानों का खेती पूरक व्यवसाय दुग्धपालन हैं। विगत कुछ दिनों से गोवर्गीय मवेशियों को लम्पी बीमारी से नांदूरा तहसील के किसानों एवं पशुपालकों को परेशान किया है। १७ एवं १८ अक्तूबर यह दो दिनों में संक्रमित रोग से बाधित २२ मवेशियों की मौत हुई हैं, ऐसा नांदूरा शहर के पशुवैद्यकीय अस्पताल में दर्ज हुआ है। जिसमें पशुवैद्यकीय अस्पतालव्दारा मिली जानकारी के अनुसार, नांदूरा शहर में सात, मामुलवाडी २, चांदुरबिस्वा ६, वडनेर ५, शेंबा २ मवेशियों का समावेश हैं। तहसील में आज तक ३०७९ गोवर्गीय मवेशीयों की लम्पी रोग से मौत हुई है। मृत मवेशियों की संख्या ३०२ पर पहुंची हैं। कई ग्रामों की जानकारी अस्पताल तक पहुंची नहीं। आज तक २७ मवेशी गंभीर स्थिति हैं। जिला पशुसंवर्धन उपायुक्त चंद्रपुर यहां के पशुवैद्यकीय अधिकारी डा. काले यह नांदूरा यहां पहुंचे।
गांव में बड़े पैमाने पर मवेशियों की मौत हुई हैं।
ऐसे ग्रामों में उन्होंने १९ अक्तूबर को भेंट देकर मार्गदर्शन किया। औषधि उपचार के बारे में जानकारी दी। जिस गांव में भेंट दी जिसमें पिंपलखुटा धांडे, वाडी, पोटा, निमगांव, बेलुरा, फुली का समावेश होकर आज तक १५० अर्जी शासन व्दारा मिलने वाले मुआवजा के लिए भेजे गए हैं।
जिसमें से ९४ अर्जी मंजूर हुई है। ५६ अर्जी त्रुटियों के कारण वापिस आई हैं, ऐसा डा. खंडेकर पशुसंवर्धन सहायक आयुक्त ने हमारे संवाददात से बोलते हुए बताया। जिन पशुपालकों की गोवर्गीय जनवारो की मौत हुई हैं, उन्हें शासन व्दारा मिलने वाले मुआवजा के लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक, झेरॉक्स, पंचनामा यह कागजात डा. शीतल धोटे पशुधन विकास अधिकारी नांदूरा की ओर जल्द से जल्द लाकर देने का आवाहन डा. खंडेकर ने किया हैं।
Created On :   21 Oct 2022 3:06 PM IST