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नाबालिग के दुष्कर्मी को 20 साल का सश्रम कारावास,17 हजार रुपए का जुर्माना भी लगा
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। विशेष सत्र न्यायाधीश पाक्सो एक्ट संध्या मनोज श्रीवास्तव ने नाबालिग के साथ किए गए दुष्कर्म के एक दो साल पुराने प्रकरण में सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए आरोपी सुरेश शीलू पिता सियाराम निवासी डोंगरखापामाल थाना उमरेठ को अधिकतम 20 साल के सश्रम कारावास की सजा और 17 हजार रुपए जुर्माने की सजा से दंडित किया है। घटना 13 नवंबर 2018 की है। घटना दिनांक को 15 वर्षीय नाबालिग पीडि़ता मेला देखने के लिए गई थी। इस दौरान आरोपी ने उसे शादी कर लेने का प्रलोभन देकर अपने साथ ले जाने का प्रयास किया। जब पीडि़ता नही मानी तो उसे धमकाकर आरोपी अपने घर लेकर चला गया। आरोपी ने लगभग 12 दिन तक पीडि़ता को अपने घर पर रखकर लगातार दुष्कर्म किया। पीडि़ता के माता पिता ने जब उसका पता लगाया तो पीडि़ता आरोपी के घर पर उन्हें मिल गई। इस घटना में पहले पीडि़ता की गुमशुदगी दर्ज थी जिस पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर प्रकरण सुनवाई के लिए न्यायालय में प्रस्तुत किया। अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में शासकीय अधिवक्ता दिनेश कुमार उईके ने पैरवी की है। सुनवाई के बाद विशेष सत्र न्यायालय ने आरोपी को धारा 366 आईपीसी में 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रु. अर्थदंड, लैगिंक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम की धारा 6 में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रु. अर्थदण्ड एवं धारा 376(3) आईपीसी में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10,000 रुपए अर्थदण्ड से दंडित किया है। न्यायालय ने पीडि़ता को प्रतिकर दिलाए जाने के लिए भी आदेशित किया है।
Created On :   11 Feb 2021 11:00 PM IST