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मनपा में एक हजार से अधिक पद रिक्त
डिजिटल डेस्क, अमरावती। मनपा कार्यालय में इन दिनों मनुष्यबल की कमी की समस्या काफी बढ़ चुकी है। जिसके चलते कार्यालय के कामकाज प्रभावित हो रहे है। मनपा में विभागों की संख्या व वहां लगनेवाले मनुष्य बल के अनुसार कुल 2319 पद मंजूर किए गए है। लेकिन इनमें से केवल 1339 पदों पर ही नियुक्ति की गई है। जबकि 1052 पद रिक्त हैं। जिसकी वजह से कार्यालयीन कामकाज प्रभावित हो रहे हंै। इसके साथ ही कई जनहित से जुड़े कामकाज भी अधर में अटके हुए हैं। मनपा में शुरुआत से लेकर अब तक कर्मचारियों की सबसे अधिक संख्या 1999 में रही है। इसके बाद से लगातार ही इन कर्मचारियों की संख्या में कमी दर्ज की गई है और अब स्थिति यह है कि मंजूर पदों की तुलना में केवल 60 प्रतिशत पदों पर ही भर्ती की गई है। इसका सबसे प्रमुख कारण मनपा की आर्थिक स्थिति को बताया जा रहा है। मनपा के मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इतनी बड़ी संख्या में नियमित कर्मचारियों को वेतन देने की स्थिति में मनपा असमर्थ है। जिसकी वजह से यह नियुक्तियां नहीं की जा रही है। इस साल के अंत तक सभी विभागों में करीब 31 कर्मचारी रिटायर्ड होनेवाले हैं। इसके बाद उनकी जगह भी कंत्राटी कर्मचारियों को लाया जाएगा। मनपा कार्यालय में अ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए 31 पद मंजूर है। जिसमें फिलहाल केवल 17 पदों पर ही नियुक्ति की गई है। इसके अलावा ब श्रेणी के 20 मंजूर पदों में से 8 पद रिक्त है। वहीं क श्रेणी के 702 पदों में से 314 पद रिक्त हैं। जबकि ड श्रेणी में 1638 पद मंजूर किए गए है और इनमें 716 पद रिक्त है। इसके अलावा 397 कंत्राटी कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। फिलहाल मनपा में अधिकत्तर कार्य कंत्राटियों के भरोसे ही किए जा रहे हैं।
छोटी आरामगाह तैयार की जाएंगी
जिला वनसंपदा से पूरी तरह से लेस है। जिले के पोहरा, मालखेड़, मेलघाट अंतर्गत आनेवाले धारणी, चिखलदरा सहित सेमाडोह जैसे क्षेत्रों से गुजरनेवाले रास्तों पर राहगिरों के आराम के लिए छोटी आरामगाह तैयार की जाएंगी। सड़क के किनारे ही एक निश्चित क्षेत्र में बैठने तथा ठहरने के लिए छोटे बगीचे विकसित किए जाएंगे। जिलेभर में इस तरह 18 केंद्र बनाने का निर्णय वनविभाग की ओर से किया गया है। जिले में बड़े पैमाने पर पर्यटक अलग-अलग क्षेत्रों में नैसर्गिक आकर्षण के चलते खिंचे चले आते है। इन पर्यटकों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिले के 18 आकर्षक स्थानों पर शहर के वेलकम प्वाइंट के तर्ज पर छोटी आरामगाह बनाने का निर्णय लिया गया है। यह योजना वर्ष 2019 में तैयार की गई थी। 2021 के शुरूआती दौर में इन पर काम किया जाना था। लेकिन लॉकडाउन के चलते इस क्षेत्र में कोई प्रगति नहीं हो पाई थी। अब संक्रमण की स्थिति नियंत्रित हो चुकी है तथा पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों का जमघट भी नजर आने लगा है। साथ ही वन्यक्षेत्रों में नागरिकों की आवाजाही भी बढ़ चुकी है। जिसे देखते हुए वनविभाग एक बार फिर से इस योजना को पूरा करने के लिए सक्रिय हो चुका है। सभी केंद्रों पर सुरक्षा कर्मी, पीने के पानी की व्यवस्था उपलब्ध रहेगी।
Created On :   19 Oct 2021 5:55 PM IST