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राजस्व न्यायालयों में सालों से धूल फांक रहे 16 हजार केस, न्याय के लिए भटक रहे लोग
डिजिटल डेस्क, छतरपुर। जिले के राजस्व न्यायालयों में 16 हजार मुकदमों की फाइलें सालों से धूल फांक रही हैं। ऐसा भी नहीं कि यह हालात एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के न्यायालय के हैं, बल्कि जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के कोर्ट में भी रेगुलर केसों की लंबी पेंडेंसी बनी हुई है। जिले के राजस्व न्यायालयों में वर्तमान समय में 15 हजार 957 से अधिक मामले विचाराधीन हैं। जबकि, राजस्व न्यायालयों में पेशी दर पेशी बढ़ने से पक्षकारों की हालत पस्त हो रही है।
जानकारों का कहना है कि निर्वाचन कार्य और प्रशासनिक अधिकारियों के सामने लॉ एंड ऑर्डर से लेकर वीवीआईपी और वीआईपी का प्रोटोकॉल होने के कारण राजस्व न्यायालयों का नियमित तौर पर संचालन नहीं हो पा रहा है। इसके साथ ही सप्ताह में एक दिन जनसुनवाई, टीएल और प्रदेश स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग राजस्व अधिकारियों का अधिकांश समय बीत रहा है। बताया जाता है कि प्राकृतिक आपदा के सर्वे से लेकर कोविड के चलते प्रशासनिक अधिकारी न्यायालय में अधिक समय नहीं दे पा रहे हैं। इसी का नतीजा यह है कि एसडीएम से लेकर नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारियों के लेबल पर प्रकरणों की पेंडेंसी बनी हुई है।
छतरपुर के बाद नौगांव एसडीएम के यहां पेंडेंसी
राजस्व प्रकरणों की पेंडेंसी के मामले में नौगांव के उपखंड अधिकारी ने जिले में दूसरी जगह बनाई है। इनके न्यायालय वर्तमान समय में 1179 प्रकरण लंबित है। इसके साथ ही एक साल से लेकर 2 साल के बीच 106 पुराने प्रकरण निराकरण के लिए विचाराधीन है। जानकारों का कहना है कि भूमि से संबंधी विवादों के सर्वाधिक मामले पेंडिंग हैं। बताया जाता है कि है कि उपखंड अधिकारी विनय द्विवेदी के पास दो सब-डिवीजन का प्रभार होने के कारण प्रकरण राजस्व न्यायालय में धूल फांक रहे हैं।
खराब हालात : छतरपुर तहसील में 3113 केस लंबित
जिले में यदि तहसीलदारों के न्यायालयों में प्रकरणों की पेंडेंसी पर गौर करें तो सबसे ज्यादा पेंडेंसी छतरपुर तहसील में है। छतरपुर के नगरीय तहसीलदार के न्यायालय में 3113 प्रकरण निराकरण के लिए लंबित है। इसके साथ ही 621 प्रकरण 2 से 5 साल के बीच की अवधि के मामले धूल फांक रहे है।
तीसरे नंबर पर लवकुशनगर एसडीएम
जिले के लवकुशनगर एसडीएम कोर्ट राजस्व प्रकरणों की पेंडेंसी के मामले में तीसरे नंबर पर है। लवकुश नगर उपखंड अधिकारी के न्यायालय में वर्तमान समय में 769 केस निराकरण के लिए लंबित है। इसके साथ ही एक साल से पांच साल के अंतराल में करीब 400 पुराने केसों की पेंडेंसी बनी हुई है।
चौथे नंबर पर बिजावर एसडीएम
राजस्व प्रकरणों के पेंडेंसी के मामले में बिजावर एसडीएम चौथे नंबर पर है। इनके न्यायालय में वर्तमान समय में 736 राजस्व प्रकरण लंबित है। इसके साथ ही एक साल से लेकर पांच साल के बीच में भी प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है।
एसडीएम छतरपुर - 2287 केस पेंडिंग
रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम की जानकारी के अनुसार सबसे अधिक मामले एसडीएम बड़ामलहरा के न्यायालय में लंबित है। वर्तमान समय में एसडीएम के न्यायालय में 2287 केस निराकरण के लिए कोर्ट में विचाराधीन है। जानकारी के अनुसार अकेले छतरपुर में 213 केस एसडीएम के न्यायालय में दो से पांच साल की अवधि के लंबित है।
5 साल से लटके हैं 590 केस
रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम के पोर्टल की जानकारी के अनुसार जिले के राजस्व न्यायालयों में 2 वर्ष से लेकर 5 साल के बीच 590 केस लटके होने की जानकारी सामने आई है। बताया जाता है कि इनमें से कुछ मामले अपील तक के पेंडिंग हैं। इसके साथ जमीनी विवाद के केसों का भी पांच साल बाद भी निपटारा नहीं हो पाया है। इसी के चलते आमलोग लंबे समय से राजस्व न्यायालयों का चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं।
इनके सबसे कम केस लंबित
>अपर कलेक्टर छतरपुर के न्यायालय में 344 प्रकरण
निपटारे के लिए विचाराधीन।
> राजनगर एसडीएम के न्यायालय में वर्तमान समय में
270 केस लंबित।
> बड़ामलहरा उप खंड अधिकारी के न्यायालय में 506 प्रकरण फिलहाल पेंडिंग हैं।
तहसीलदारों के न्यायालयों में लंबित केसों पर एक नजर
>तहसीलदार बड़ामलहरा के न्यायालय में 293 प्रकरण लंबित।
>तहसीलदार घुवारा के न्यायालय में 271 केस विचाराधीन।
> तहसीलदार बिजावर के राजस्व न्यायालय में 822 केस पेंडिंग।
>तहसीलदार नजूल के यहां सिर्फ 126 केस लंबित।
>ईशानगर तहसीलदार के न्यायालय में 812 मामले विचाराधीन।
Created On :   9 Aug 2022 4:11 PM IST