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35 दिनों में 12 लोगों पर आसमान से गिरी गाज, 3 की मौत, 9 झुलसे
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। तेज बारिश के साथ आसमान से गिरी गाज ने पिछले 35 दिनों में 12 लोगों की अपनी चपेट में ले लिया। इस प्राकृतिक प्रकोप से तीन लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 9 लोग बुरी तरह से झुलसे है। जिले के अमरवाड़ा, बिछुआ, परासिया और तामिया क्षेत्र में आकाशीय बिजली गिरने की सर्वाधिक घटनाएं सामने आई है।आकाशीय बिजली के प्रकरणों की पुलिस जांच में सामने आया है कि अधिकांश प्रकरणों में खेत में मजदूरी या मवेशी चराते वक्त अचानक आई तेज बारिश से बचने लोगों ने पेड़ का आसरा लिया और उसी पेड़ पर आकाशीय बिजली आ गिरी। बिछुआ में पेड़ के नीचे छिपे 16 लोगों पर एक साथ गाज गिरी थी। इनमें से 9 लोग झुलस गए थे। सभी घायलों की बिछुआ अस्पताल में इलाज देने के बाद हालत सामान्य है।
कहां और कब गिरी आकाशीय बिजली-
- 22 सितम्बर की दोपहर अमरवाड़ा के ग्राम पिपरियाभारती से 60 वर्षीय महदराम पिता नन्नू उईके मवेशी चराने जंगल गया था। अचानक आई बारिश से बचने वह पेड़ के नीचे खड़ा था। तभी उस पर आकाशीय बिजली आ गिरी। जिससे उसकी मौत हो गई।
- 25 सितम्बर की दोपहर बिछुआ के लोहांगी में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 50 वर्षीय कुंदन, 32 वर्षीय राजेश, 42 वर्षीय रामाजी सके, 22 वर्षीय रविन्द्र बेटे, 19 वर्षीय दीपाली बेटे, 40 वर्षीय मानसी सीलू, 40 वर्षीय सकलवती बोसम, 29 वर्षीय सुकबल सीलू, 40 वर्षीय समरती बेटे और 40 वर्षीय संतेरीबाई घायल हो गए थे।
- 3 अक्टूबर को उमरेठ के अपतरा निवासी 55 वर्षीय पुसु पिता सरवन यदुवंशी मवेशी चराने घर से निकला था। आकाशीय बिजली की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई।
- 4 अक्टूबर को चांद के रैय्यतवाड़ी निवासी 22 वर्षीय गोलू पिता रामकिशोर चौरिया मवेशी चराने गया था। जंगल में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई।
पिछले चार साल में 40 लोगों की मौत-
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2018 से अभी तक जिले के अलग-अलग विकासखंड़ों में आकाशीय बिजली गिरने से 40 लोगों की मौत हो चुकी है। हर्रई में छह, चौरई में दो, जुन्नारदेव में चार, उमरेठ में दो, मोहखेड़ में पांच, अमरवाड़ा में तीन, परासिया में तीन, सौंसर में तीन, चांद में दो, तामिया में चार और छिंदवाड़ा, बिछुआ व पांढुर्ना में एक-एक मृतकों को सरकारी योजना के तहत मुआवजा मिल चुका है।
क्यों गिरती है आकाशीय बिजली-
भौतिक शास्त्र के प्रोफेसर युवराज पाटिल ने बताया कि आसमान में धनात्मक और ऋणात्मक आवेशित बादल जब एक-दूसरे के पास आते हैं तो घर्षण से उच्चताप की बिजली उत्पन्न होती है। इससे दोनों तरह के बादलों के बीच हवा में विद्युत प्रवाह गतिमान हो जाता है। विद्युत धारा प्रवाहित होने से रोशनी की तेज चमक पैदा होती है। आकाशीय बिजली गिरने की अधिक संभावनाएं पेड़, ऊंची इमारत में गिरने की अधिक संभावनाएं होती है।
ऐसे बचे आकाशीय बिजली से-
- बिजली गिरने के दौरान जंगल में पेड़ के नीचे न खड़े हो।
- बिजली के खंभों और वृक्षों से दूर रहे।
- धात्विक वस्तुओं से भी दूरी बनाए रखे।
- विद्युत उपकरणों का उपयोग न करे।
- मोबाइल का इस्तेमाल न करें।
Created On :   6 Oct 2021 2:41 PM IST