New Delhi News: वक्फ संशोधन विधेयक को ठंडे बस्ते में डालने के मूड में सरकार!, पेश होने की संभावना ना के बराबर
- विधेयक के पेश होने से बिहार चुनाव में नुकसान की आशंका
- जदयू-लोजपा (आर) के मुस्लिम वोट बैंक पर पड़ सकता है असर
- संसद के मौजूदा सत्र में विधेयक पेश होने की संभावना ना के बराबर
New Delhi News. अजीत पाठक. संसद में वक्फ संशोधन विधेयक को पेश करने पर आमादा सरकार अब इसे ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी में है। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर तेज हुई राजनीतिक सरगर्मियों को इसकी वजह माना जा रहा है। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में इस विधेयक को पेश करने की रणनीति तैयार की गई थी, लेकिन सरकार अब इस विधेयक को पेश करने से पीछे हटने पर विचार कर रही है। सरकार को इस बात की आशंका है कि अगर यह विधेयक पेश किया गया तो बिहार विधानसभा चुनाव पर इसका असर पड़ सकता है। इतना ही नहीं, राजग के घटक जनता दल यूनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास (लोजपा-आर) के साथ रिश्तों पर भी यह प्रभाव डाल सकता है।
सूत्रों के अनुसार, बुधवार को सरकार की ओर से सभी सांसदों के साथ विशेष बैठक होने वाली थी। इस बैठक में वक्फ संशोधन विधेयक का प्रारूप तैयार करने वाले अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के अधिकारियों को भी बुलाया गया था, लेकिन इस प्रस्तावित बैठक को अचानक रद्द कर दिया गया। इसके बाद से इन अटकलों को बल मिल गया है कि सरकार वक्फ संशोधन विधेयक को इस सत्र में संसद में पेश नहीं करने जा रही है। इसके अलावा, सरकार ने शनिवार को संसद सत्र चलाने की योजना बनाई थी। यह माना जा रहा था कि शनिवार को वक्फ संशोधन विधेयक संसद में पेश हो सकता है, लेकिन सरकार ने इस विचार को भी त्याग दिया है। अब बजट सत्र का दूसरा चरण 4 अप्रैल को समाप्त हो रहा है। ऐसी स्थिति में इस सत्र में विधेयक के पेश होने की संभावना ना के बराबर है।
विपक्ष बना सकता है चुनावी मुद्दा
बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा नीत राजग सरकार विपक्ष के हाथ कोई बड़ा मुद्दा नहीं थमाना चाहती है। वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर बिहार में राजद, कांग्रेस और मुस्लिम संगठनों का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पहले ही इसको लेकर देशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान कर चुके हैं। वहीं, मुस्लिम संगठनों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का बहिष्कार कर अपनी नाराजगी जता दी है। ऐसे में सरकार को इस बात की चिंता सता रही है कि इस समय विधेयक को पेश किया गया तो बिहार चुनाव में यह राजग के खिलाफ बड़ा मुद्दा बन सकता है। इसके साथ ही राजग के घटक जदयू और लोजपा (आर) के मुस्लिम वोट बैंक को भी नुकसान पड़ सकता है। ऐसे में सरकार घटक दलों को भी नाराज करने का जोखिम नहीं उठाना चाहेगी।
Created On :   26 March 2025 6:39 PM IST