New Delhi News: धामी ने कहा - भारतीय संस्कृति और परंपरा के आधार हैं हमारे प्राचीन शास्त्र

- संस्कृत केवल भाषा नहीं, अपितु विश्व नेतृत्व प्रदान करने में सक्षम
- भारतीय संस्कृति और परंपरा के आधार हैं हमारे प्राचीन शास्त्र
New Delhi News. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारे शास्त्र केवल ग्रंथ नहीं, बल्कि संपूर्ण सृष्टि के रहस्यों को जानने का माध्यम हैं। भारतीय शास्त्रों और ग्रंथों में ऐसे अद्भुत सूत्र निहित हैं, जो आधुनिक ज्ञान-विज्ञान में परिलक्षित होते हैं। उन्होंने ये उद्गार हरिद्वार स्थित पतंजलि विश्वविद्यालय में आयोजित 62वीं अखिल भारतीय शास्त्रोत्सव स्पर्धा के समापन समारोह में व्यक्त किए। धामी ने कहा कि भारतीय संस्कृति और परंपरा का आधार हमारे प्राचीन शास्त्र हैं, जिनमें विज्ञान, योग, चिकित्सा, गणित और दर्शन के गूढ़ रहस्य समाहित हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ऋषि-मुनियों द्वारा किए गए अनुसंधानों को केवल विरासत के रूप में संरक्षित करने के बजाय, उसे आगे बढ़ाना और आधुनिक परिप्रेक्ष्य में विकसित करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे अद्वैत वेदांत का गूढ़ ज्ञान पूरे भारत में फैला, वैसे ही इस शास्त्रोत्सव के माध्यम से संस्कृत और शास्त्रों के गूढ़ रहस्य पूरे देश और वैश्विक स्तर पर फैले।
इस अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति स्वामी रामदेव ने कहा कि संस्कृत केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि यह पूरे विश्व में किसी भी क्षेत्र में नेतृत्व प्रदान करने की सामर्थ्य रखती है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म और भारतीय प्राचीन शास्त्रों में विश्व के सभी ज्ञान-विधाओं का समावेश है। स्वामी रामदेव ने अखिल भारतीय शास्त्रोत्सव को संस्कृत और संस्कृति का संगम बताते हुए कहा कि सभी मूल भाषाएँ संस्कृत से उत्पन्न हुई हैं। पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने संस्कृत को तीर्थ और संस्कृति का गौरव बताया। उन्होंने संस्कृत और भारतीय ज्ञान परंपरा को जीवन की उन्नति का मार्गदर्शक बताया।
Created On :   21 March 2025 7:06 PM IST