New Delhi News: आज एक पेड़ लगाना, बेहतर कल की उम्मीद जगाना है : ललन सिंह
- स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम
New Delhi News केन्द्रीय मत्स्यपालन विभाग ने शनिवार को ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के एक भाग के रूप में तुगलकाबाद स्थित असोला भाटी वन्यजीव अभयारण्य में ‘एक पेड़ मां के नाम’ के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने पर्यावरण संरक्षण के महत्व और स्वच्छ तथा हरित राष्ट्र को बढ़ावा देने में समुदायों की भूमिका पर बल दिया।
ललन सिंह ने कहा कि आज एक पेड़ लगाना बेहतर कल की उम्मीद जगाना है। हम इस पहल को उन सभी माताओं को समर्पित करते हैं, जो हमारी देखभाल और पोषण करती हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ऐसे कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो पारिस्थितिक संतुलन सुनिश्चित करते हैं और हमारी पृथ्वी को स्वस्थ रखने में योगदान देते हैं। वनस्पतियों और जीवों की समृद्ध विविधता के लिए प्रसिद्ध असोला भाटी वन्यजीव अभयारण्य केा राष्ट्रीय राजधानी के हरित केन्द्र के रूप में प्रतीकात्मक महत्व के कारण आयोजन स्थल के रूप में चुना गया। देशी पेड़ लगाने की यह पहल इस पारिस्थिति की रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र की जैव विविधता को समृद्ध करने में भी योगदान देती है। दरअसल वृक्षारोपण का यह आयोजन वर्तमान में चल रही स्वच्छता ही सेवा अभियान का एक हिस्सा है, जो स्वच्छता, स्वास्थ्य और टिकाऊ जीवन पद्धतियों को बढ़ावा देने का एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन है।
बौद्ध पर्यटक स्थलों को रेल नेटवर्क से जोड़ने की मांग : बौद्ध संगठनों की राष्ट्रीय समन्वय समिति ने कहा है कि सरकार प्राचीन बौद्ध पर्यटक स्थलों विशेषकर श्रावस्ती, कपिलवस्तु, लुंबिनी, कुशीनगर, बोधगया को रेलवे नेटवर्क से न जोड़कर इन प्राचीन स्थलों की उपेक्षा कर रही है। समिति के राष्ट्रीय संगठक अभयरत्न बौद्ध ने आरोप लगाते हुए कहा है कि पिछले 10 साल से इन स्थलों को रेलवे नेटव र्क से जोड़ने की मांग की जा रही है, लेकिन इस मामले में सरकार न केवल असंवेदनशीलता दिखा रही है, बल्कि भेदभाव भी कर रही है। जबकि देशी-विदेशी पर्यटकों से करोड़ों रुपये की कमाई हो रही है।
अभयरत्न बौद्ध ने बताया कि इस संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र याचिका सौंपी है। याचिका में कहा गया है कि समिति 2013-14 से निरंतर प्राचीन बौद्ध पर्यटक स्थलों श्रावस्ती, कपिलवस्तु, लुंबिनी, कुशीनगर, बुद्धगया को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की मांग करती आ रही है। इस संदर्भ में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों तथा सचिव ने भी निरंतर संबंधित मंत्रियों एवं सरकार को पत्र लिखे है। इस संदर्भ में रेल मंत्रालय द्वारा गया जंक्शन से चतरा तक रेल लाइन बिछाने की कार्य योजना बनाई गई, करोड़ों रुपये योजना पर खर्च किए गए, लेकिन रेल लाइन बिछाने का कार्य शुरू नहीं किया जा सका।
Created On :   28 Sept 2024 7:56 PM IST