व्यापार: रिटेल की दुनिया बदल रही ई-कॉमर्स कंपनियां, अगले वर्ष तक 25 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है कारोबार

रिटेल की दुनिया बदल रही ई-कॉमर्स कंपनियां, अगले वर्ष तक 25 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है कारोबार
  • 25 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है कारोबार
  • ई-कॉमर्स कंपनियों का दबदबा
  • जेम शुरू कर रही ‘जेम सहायक’ कार्यक्रम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ सालों में रिटेल सेक्टर में काफी बदलाव आए हैं। रिटेल सेक्टर में आए इन बदलावों ने ग्राहकों और छोटे व्यवसायों दोनों को लाभ पहुंचाया है। ई-कॉमर्स ने न केवल शॉपिंग के तरीके को बदल दिया है, बल्कि छोटे और मध्यम व्यवसायों को भी समान अवसर और बड़े पैमाने पर उपभोक्ताओं तक पहुंच प्रदान की है। अमेजन और गवर्नमेंट ई-माकेटप्लेस (जेम) जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों ने तकनीक का उपयोग करके छोटे व्यवसायों को बढ़ने और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाया है।

भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है। जानकारी के मुताबिक अगले वर्ष तक 8 प्रतिशत की विकास दर के साथ इसके 21 से 25 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। ई कॉमर्स कंपनियां तेजी से उपभोक्ताओं की मांगें पूरी करने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं। इसके तहत अमेजन ने ‘अमेजन कारीगर’ नामक कार्यक्रम शुरू किया है, जो कारीगरों और बुनकरों को अपनी कलाकृति को खरीदारों के सामने प्रदर्शित करने के लिए एक डिजिटल मंच प्रदान करता है। राजस्थान क्राफ्ट नाम से कंपनी चलाने वाले अभिषेक धनवानी इस ऑनलाइन शॉपिंग के जमाने में ई-कॉमर्स कंपनियों की प्रशंसा करते हुए कहते हैं कि इससे व्यवसाय आगे बढ़ाने में काफी सहूलियत हुई है। वे कहते हैं कि पहले जहां हम इधर उधर से सामान खरीदकर बेचते थे, लेकिन अमेजन से जुड़ने के बाद हमारे काम में तेजी आई है।

फिलहाल हमारे व्यवसाय का कम-से-कम 25 प्रतिशत व्यापार केवल अमेजन से ही आता है। कुछ महीने पहले अमेजन के साथ जुड़ने वाले सूती स्याही के संस्थापक उम्मीद जताते हैं कि इसके जरिए हम अपने ब्रांड को बहुत आगे ले जा सकेंगे। अमेजन इंडिया के सेलिंग पार्टनर सर्विसेज के डायरेक्टर अमित नंदा कहते हैं कि हमारा लक्ष्य है कि छोटे और मध्यम व्यापारों को ई-कॉमर्स की शक्ति को अपनाने और उनकी सफलता के लिए नए रास्ते खोलने में मदद मिले, जिससे भारत के बड़े आर्थिक विकास में योगदान हो।

जेम शुरू कर रही ‘जेम सहायक’ कार्यक्रम

इसी तरह जेम सार्वजनिक खरीद को और आसान बनाने के लिए ‘जेम सहायक’ कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। इसका मकसद 6,000 से 7,000 प्रशिक्षित और प्रमाणित मान्यता प्राप्त प्रशिक्षकों का एक अखिल भारतीय नेटवर्क बनाना है। जेम के सीईओ प्रशांत कुमार सिंह ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के अंत में 1,24,761 लाख करोड़ का जीएमवी दर्ज किया गया है।

Created On :   16 July 2024 7:16 PM IST

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